अनोखी पंचायत जहाँ पंचायत भवन में ही अंधविश्वास का हो रहा विकास
जनपद सैलाना की पंचायत बावड़ी में चौकीदार झाड़ फूंक से करता है इलाज
(www.csnn24.com)रतलाम वैसे तो पंचायती राज की अवधारणा यह तैयार की गई है कि पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वागीण विकास हो। चाहे फिर वह भौतिक विकास हो अथवा मानसिक विकास हो। रतलाम जिले सैलाना जनपद में एक ऐसी अनोखी पंचायत है जो आम जन की सुख सुविधा यानी भौतिक विकास करने में तो फैल रही है । अब लोगों के मानसिक विकास को भी प्रदूषित कर रही है। जी हां हम बात कर रहे हैं सैलाना जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बावड़ी की नाम के अनुरूप ही
बावड़ी पंचायत में भी काम हो रहे हैंl और यहां पर एक अनोखा नजारा अक्सर देखने में आता है जब पंचायत में विकास की चर्चा ना होते हुए अंधविश्वास फैलाने का काम होता है जीहां इस पंचायत में पूरी तरह से अव्यवस्थाओं का आलम नजर आता है ।पंचायत परिसर में भवन में अंदर चारों तरफ गंदगी तो दिखती ही है ।परंतु एक और गंदगी अंधविश्वास की पंचायत की अनुमति से फैलाई जा रही है। csnn24 जब इस पंचायत में पहुंचा तो वहां पर एक अनोखा नजारा देखने में आया। पंचायत भवन के अंदर एक व्यक्ति महिला और महिला का पुत्र वहां पर बैठे हुए थे। और एक ओझा या तांत्रिक उस पंचायत परिसर के भवन में महिला की झाड़ फूंक कर रहा था जब इस संदर्भ में जानना चाहा तो पता लगा कि वह व्यक्ति
जिसका नाम नागु है पंचायत का ही चौकीदार है ।वह अक्सर इस प्रकार के कार्य पंचायत में करता है नागु से संदर्भ में जब चर्चा करी तो उसने बताया कि वह टाइफाइड ऊपरी हवा और अन्य बीमारियों का इलाज झाड़-फूंक और जड़ी बूटियों से करता है। उसके अलावा उसने यह भी बोला कि यदि वह सफल नहीं होता तो फिर व्यक्ति को बोल देता है कि आप चिकित्सक को दिखाओ ।तो वहीं पंचायत में विराजित वहां के सहायक सचिव से जब इस संदर्भ में बात की गई तो उनका कहना था कि हां मना करते हैं परंतु यह यहीं पर इस प्रकार का काम करते हैं ।और फिर उन्होंने भी इन झाड़-फूंक करने वाले नागूथ की तारीफ में कसीदे पढ़ना शुरू कर दिए ।उन्होंने बताया कि नागुजी अक्सर यहां पर इलाज करते हैं और उन्होंने अपनी झाड़-फूंक तथा जड़ी बूटी से बहुत से कोरोनावायरस पेशेंट को ठीक कर दिया हेऔर अभी भी कर रहे हैं मात्र 3 दिन में वह रिजल्ट दे देते हैं ।जब उनसे पूछा गया कि और किस प्रकार का इलाज करते हैं तो वह बात को टालते नजर आए और बोले कि यहां पर टाइफाइड को ही ऊपरी हवा कहा जाता है।