जो हाथ कभी हथियारों के साथ अपराध के लिए उठते थे… आज ब्रश और रंग लेकर सजा रहे संवार रहे गणपति को…
जिला जेल में बंदी बना रहे मिट्टी से इको फ्रेंडली गणपति... दिखा रहे हैं अपनी सृजनशीलता... जेल अधीक्षक का एक और नवाचार... बंदी बोले मिलती है सुधरने की प्रेरणा और आध्यात्मिक शांति....
रतलाम गणेश चतुर्थी का पर्व नजदीक आ गया है। आने वाली 7 तारीख से घर-घर में गणपति विराजित हो जाएंगे। तथा इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई है। एवं गणपति की दुकाने भी सजने लगी है। और आजकल प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह इको फ्रेंडली मिट्टी से बने गणेश की मांग ज्यादा रहती है।
वर्तमान में रतलाम सर्कल जेल में एक अलग नजारा दिख रहा है। गणेश महोत्सव को लेकर बंदी उत्साह पूर्वक उसकी तैयारी कर रहे हैं। कभी जिन कैदियों के हाथों में विभिन्न प्रकार के हथियार या अन्य सामग्री रही होगी तथा दिमाग में क्राइम के विचार पनपते थे, आज वही बंदी रतलाम सर्कल जेल में कलर और ब्रश थाम कर गणपति जी को संवारने का काम कर रहे हैं तथा मिट्टी से इको फ्रेंडली गणेश तैयार कर रहे हैं। इनमें से कुछ कह बंदी ऐसे हैं जो जेल में आने के पूर्व यह कार्य करते थे तो कुछ कैदी ऐसे हैं जिन्होंने इस कला को जेल में सीखा है। बंदी बताते हैं कि इस प्रकार की गतिविधियों में सम्मिलित होकर उन्हें एक अलग शांति और सुकून मिलता है एवं मन मे बंदी ग्रह से बाहर निकालने के पश्चात अच्छे कार्य करना और अपनी कला का उपयोग आजीविका के लिए करना चाहेंगे। बंदियो के द्वारा जो गणपति तैयार किया जा रहे हैं वह विशुद्ध रूप से मिट्टी से बने हुए हैं।
तथा उनमें भी वाटर कलर का उपयोग किया जा रहा है जिससे पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो।