प्रिंट रेट से अधिक दाम में ग्राहकों को बेची जा रही शराब…
प्रिंट रेट से अधिक दाम पर बिक रही शराब, ग्राहकों की जेब पर डाका... शराब ठेकेदारों को आबकारी विभाग का संरक्षण...शराब ठेकेदार का रसूख ऐसा की मनमाने भाव में बिक रही है शराब...
(www.csnn24.com) अरविंद चौकसे देवास। 1 अप्रैल 2024 से देवास जिले में देशी-विदेशी शराब के नए ठेके नीलाम हुए है। शराब के नए ठेके हुए मात्र एक सप्ताह बीता है और शहर के शराब ठेकेदारों ने मनमानी शुरु कर दी है और देशी-विदेशी शराब निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर खुलेआम बेची जा रही है। यह सबकुछ आबकारी विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है। शराब ठेकेदार जहां ग्राहकों के जेब पर डाका डालकर बेहिसाब मुनाफा कमा रहे है। वहीं विभागीय अधिकारियों की भी जेब भर रहे है। शराब व्यापार से जुड़े सूत्रों की माने तो लाइसेंसी ठेकेदारों द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर शराब बेची जा रही है और इस तरह प्रत्येक शराब की दुकान पर प्रतिदिन 50 हजार से अधिक की अतिरिक्त कमाई हो रही है। इस अतिरिक्त कमाई का हिस्सा विभागीय अधिकारियों तक भी पहुंच रहा है। शायद यही वजह है कि अधिकारियों ने इस गंभीर मामले में भी चुप्पी साध रखी है। नियम के अनुसार किसी भी वस्तु को एमआरपी से अधिक नहीं बेचा जा सकता है लेकिन यह नियम शराब की बोतलों पर लागू होता नजर नहीं आ रहा है। देशी शराब के 180 एमएल क्वार्टर पर एमआरपी 65 रुपए हैं जबकि शराब दुकानों पर यही क्वाटर 80 रुपए में बेची जा रही है। वही 375 एमएल हाफ पर एम आर पी 130 रुपए है और शराब दुकान पर 160 रुपए में बेची जा रही हैं। वही बीयर भी 20 से लेकर 30 रुपए अधिक में बेची जा रही है।शराब की बोतल पर एमएसपी और एमआरपी अंकित रहता है। जिसका साफ मतलब है कि शराब ठेकेदार एमएसपी और एमआरपी के बीच में शराब का विक्रय करेगा। लेकिन शराब ठेकेदार अपने रसूख के चलते खुलेआम एमआरपी से कई गुना अधिक रुपए शराब की बोतलों पर वसूल रहा है। इसको लेकर प्रशासन ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से परहेज करता नजर आ रहा है जबकि किसी भी वस्तु को एमआरपी से अधिक बेचना कानूनन अपराध है। ठेकेदार सीधे तौर पर लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है। इसको लेकर प्रशासन शराब ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं उठा पा रहा है। वहीं शहर की शराब की दुकानों के बाहर ही मदिरा प्रेमी बैठकर शराब का सेवन करते हुए नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर अघोषित अहाता शराब ठेकेदार द्वारा संचालित किया जा रहा है। इधर इस मामले में जब आबकारी अधिकारी मीनाक्षी दीक्षित से चर्चा की तो उनका यह कहना है कि जिले में 95 दुकान संचालित हो रही है और आबकारी में इतना स्टाफ नहीं है कि हर दुकानों पर जाकर देखा जा सके। आपने शिकायत की है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी। आबकर अधिकारी इस तरह अनजान बन रही थी जैसे कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।