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SCPCR के सामने आया रतलाम के अवैध मदरसे का अमानवीय पहलू…. खड़े हो रहे बड़े प्रश्न…?

आखिर जिम्मेदार क्यों नहीं निभाते अपनी जिम्मेदारी.... या फिर इंतजार करते हैं ऊपर से आदेश आने का कोई घटना घट जाने का....

Publish Date: August 3, 2024

(www.csnn24.com) रतलाम में निरीक्षण पर आई मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने जब रतलाम में संचालित होने वाले एक मदरसे का निरीक्षण किया तो वहां पर बहुत ही चौंकाने वाला सच सामने आया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यहां पर बड़ा ही अमानवीय चेहरा मदरसा के संचालकों की ओर से देखने को मिला यहां पर खुले फर्श पर अथवा चादर पर 30 से 35 बच्चियों एक ही कमरे में भेड़ बकरियों की तरह रखी गई थी। सूत्रों की माने तो एक बच्ची ऐसी भी मिली जिसे तेज बुखार था तथा वह फर्श पर कराहती हुई पाई गई। इस दृश्य को देखकर एससीपीसीआर की सदस्य निवेदिता शर्मा काफी आक्रोशित हो गई तथा उन्होंने जिम्मेदारों से पूछा कि मेरी बच्चियों को अपने ऐसे भेड़ बकरियों की तरह क्यों रख रखा है इसका जवाब वहां पर कोई नहीं दे पाया ना मदरसा को संचालित करने वाले लोग ना ही उनके साथ आए हुए जिम्मेदार अधिकारी। उल्लेखनीय की मध्य प्रदेश के आसपास के क्षेत्र के अलावा रतलाम जिले से सौ से भी अधिक बच्चियों को यहां पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पौष्टिक आहार एवं शिक्षा के साथ-साथ दिन की तालीम लेने के लिए रखा जाता है। उनके माता-पिता भी आश्वस्त होते हैं कि उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ-साथ धर्म की जानकारी भी मिल रही है। परंतु सच इसके बिलकुल उलट है। जिस मदरसे का निरीक्षण किया गया उसका नाम दारुल उलूम आयशा सिद्दीका लिलबिनात’ है तथा मदरसा संचालकों के पास इसके अनुबंध अथवा मान्यता को लेकर कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे तथा उन्होंने स्वीकार किया कि वह इसे बिना किसी अनुमति के अवैध तरीके से चला रहे थे। मुस्लिम बच्चियों के लिए संचालित होने वाले इस मदरसे को राज्य शासन के द्वारा कोई अनुमति प्राप्त नहीं है। मदरसा संचालक के लिए फंडिंग की व्यवस्था कहां से होती है अथवा धन कहां से उपलब्ध होता है इसकी भी कोई जानकारी मदरसा के संचालक संतुष्टिपूर्ण उपलब्ध नहीं कर पाए। जिससे आशंका उत्पन्न होती है कि कहीं ना कहीं अवैधानिक फंडिंग भी इसको हो सकती है। यह मदरसा महाराष्‍ट्र की ‘जामिया इस्‍लामिया इशाअतुल उलूम अक्‍कलकुआ’ संस्‍था से जुड़कर संचालित हो रहा है। यह संस्था महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में संचालित होती है। रतलाम में संचालित होने वाले इस मदरसे के संचालक मौलाना मौसिम है। उन्होंने बताया कि यह मदरसा काफी लंबे समय से वर्षों से संचालित हो रहा है। इसी मदरसा परिसर में दसवीं तक का एक स्कूल भी लगता है। यहां पर अन्य जगहों से भी बच्चे पढ़ने आते हैं। यहां पर भी अनियमित देखी गई 2012 में स्कूल का पंजीयन करा कर खोल दिया गया और मान्यता 2019 में ली गई। यह भी जानकारी निकलकर सामने आई है कि यहां पर बच्चियों को आधुनिक शिक्षा बिल्कुल भी नहीं मिलती है सिर्फ दिन और तालीम की शिक्षा के नाम पर वह यहां पर है। और बच्चों को जी शक्ति के साथ रखा जाता है वह भी काम नहीं है बच्चियों को इस प्रकार की शिक्षा दी जा रही है कि वह भविष्य में भी इसका पालन करें तथा उनका ड्रेस कोड भी ऐसा है कि सिर्फ आंख के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता। बच्चों के कमरे में भी सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। इनकी भी निगरानी पुरुषों के द्वारा की जाती है। यहां पर रहने वाली बहुत सी बच्चियों शासकीय तथा निजी स्कूलों में रजिस्टर्ड हैं अथवा उनका नाम लिखा हुआ है परंतु वह वहां पर पढ़ने नहीं जाती इसी मदद से में रहती है। शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन सहित बहुत सारी खामियां अनियमितताएं यहां पर पाई गई है और अब राज्य शासन को यहां पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाएगी। परंतु प्रश्न उठता है कि रतलाम में ऐसे कितने अवैध मदरसे  चल रहे हैं और कितने मदरसों में इस प्रकार की गतिविधियां चल रही है उसका समय-समय पर निरीक्षण क्यों नहीं होता और जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे हैं। इस मदरसे में रहने वाली 100 में से मात्र 40 बच्चियों ही स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि धर्म दिन इलम की तालीम और उच्च शिक्षा के नाम पर बच्चियां अमानवीय यातनाएं झेलने को मजबूर हैं।

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Amit Nigam

Founder Director Head of CSNN 24 & Bureau chief SWARAJ EXPRESS MP/CG Madhya Pradesh, AMV News network India. Vice President of Ratlam Press Club. DPR Accreditation from MP Government (Adhimanya Patrakar).21 years of journalism experience...along with print media and electronic media.... 18 years experience in national and regional news channels .... M.SC LLB. MEMBER OF RATLAM BAR COUNCIL

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