आपदा प्रबंधन दावों की खुली पोल एसडीआरएफ की टीम के सिलेंडरों में गैस नहीं…झामड़ स्टॉप डैम में युवक डूबा परिजन कर रहे हैं संसाधनों की व्यवस्था…
रतलाम कलेक्टर ने कुछ दिन पूर्व ही दिए थे सख्त दिशा निर्देश...झामड़ नदी स्टॉप डैम पर युवक डूबा अभी तक नहीं चला पता...
(www.csnn24.com) रतलाम बारिश का मौसम बिल्कुल नजदीक है और मानसून कुछ ही दिनों में जिले में दस्तक देने वाला है। ऐसे में रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम के द्वारा विगत 29 तारीख को सभी विभागों की बैठक लेकर बाढ़ आपदा प्रबंधन से संबंधित सख्त निर्देश दिए थे तथा दिशा निर्देशों में कहा गया था कि सभी तैयारी पूर्ण रखें। परंतु आपदा प्रबंधन की पोल उस समय खुल गई जब रतलाम के झामड़ नदी पर बने स्टाप डेम पर अपने पांच अन्य दोस्तों के साथ घूमने तथा नहाने गया एक युवक वहां पर डूब गया युवक का नाम समीर बताया जा रहा है तथा वह सुभाष नगर निवासी है। कल शाम से ही एसडीआरएफ की टीम युवक को खोजने में लगी हुई है तथा देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। इसके पश्चात सुबह पुनः रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया परंतु और रेस्क्यू ऑपरेशन में कुछ दिक्कतें आ रही है। रेस्क्यू कर रहे एसडीआरएफ के दल का कहना है कि उनकी टीम के पास जो गैस सिलेंडर है उसमें गैस नहीं है जिसके चलते वह अत्यधिक गहराई में जाकर खोज बिन नहीं कर सकते। गैस सिलेंडर उज्जैन से भरे जाएंगे क्योंकि उनमें गैस भरने के लिए नोजल रतलाम में उपलब्ध नहीं है तथा वह उज्जैन में उपलब्ध है । इससे पता चलता है कि रतलाम में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए किस प्रकार से तैयारी की गई है तथा संबंधित विभाग इस मामले में कितने गंभीर हैं। बताया जा रहा है कि युवक के परिजनों के द्वारा ही पानी में डालने वाले कैमरों की व्यवस्था की गई है जिसकी सहायता से युवक की तलाश की जा रही है।
कलेक्टर राजेश बाथम के द्वारा यह दिए गए थे निर्देश:-
बाढ, अतिवृष्टि के दौरान बचाव के आवश्यक प्रबंध समय पूर्व सुनिश्चित करें : कलेक्टर श्री बाथम
रतलाम 29 मई 2024/ वर्षा का मौसम निकट है, सभी विभाग अतिवृष्टि एवं बाढ़ आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार कर ले। बारिश के दौरान आपदा से निपटने एवं बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें। यह निर्देश कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में दिए। मानसून के दौरान बाढ़, आपदा, अतिवृष्टि की स्थिति में आवश्यक तैयारी के लिए आयोजित उक्त बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर श्री आर.एस. मंडलोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राकेश खाखा, निगम आयुक्त श्री हिमांशु भट्ट तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने निगम आयुक्त तथा नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहरी क्षेत्र में नालों की सफाई करवाएं, निचली बस्तियों में वर्षा जल के भराव की स्थिति में किए जाने वाले पूर्व इंतजाम सुनिश्चित कर लेवे, ऐसी बस्तियों, मोहल्ला को सूचीबद्ध कर लिया जाए। उक्त क्षेत्र में मरम्मत या निर्माण के जरूरी कार्य अभी से कर लिए जाएं। जल भराव की स्थिति में आवश्यक राहत सामग्री एवं बचाव के उपकरणों की उपलब्धता पूर्व से ही कर ली जाए, होमगार्ड तथा अन्य विभागों से आवश्यक समन्वय रखा जाए, मनुष्यों तथा पशुओं के बचाव के लिए पूर्व प्रबंधन करना जरूरी है।
जिला परिवहन अधिकारी श्री दीपक मांझी को निर्देशित किया कि शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नदी, नालों, पूल-पुलियाओं पर वर्षा जल ओवरफ्लो के दौरान वाहनों का आवागमन नहीं हो, इसके लिए खासतौर पर बस ऑपरेटर्स को पूर्व से ताकिद कर दी जाए। लोक निर्माण विभाग अभी से पूल-पुलियाओं की जरूरी मरम्मत कर लेवे। पुलिस विभाग तथा होमगार्ड वर्षा के दौरान संवेदनशील पुल-पुलियाओं पर सुरक्षा गार्ड तैनात करेंगे। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जल संसाधन विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों, स्टॉप डैम पर वर्षा के दौरान नजर रखेंगे। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी तालाब में वर्षा के मौसम में कोई टूटफुट या रीसन नहीं हो, कोई जान माल का खतरा नहीं हो।
राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ आपदा की दृष्टि की स्थिति में आवश्यक होने पर अस्थाई शिविरों के इंतजाम की तैयारी रखी जाए। संभावित स्थलों का आकलन कर लिया जाए। पूर्व के रिकॉर्ड अनुसार जिन नदियों, नालों में बाढ़ की स्थिति बनती है उन पर फोकस रखते हुए कार्य योजना तैयार तैयार की जाए। कलेक्टर श्री बाथम ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया कि वर्षा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्धता के इंतजाम रखें।
कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के दौरान त्वरित कार्य हेतु अपना सूचना तंत्र सुदृढ़ करें, विभाग अपने नियंत्रण कक्ष स्थापित कर ले। जिला स्तर के अलावा जनपद पंचायत स्तरों पर भी नियंत्रण कक्ष मजबूती से कार्य करेंगे। प्रत्येक विभाग अपनी कार्य योजना तैयार करें, उसकी कॉपी कलेक्ट्रेट को उपलब्ध कराएं। पशु चिकित्सा विभाग को वर्षा के मौसम में पशुओं को बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण तथा दवाइयो की उपलब्धता के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर श्री बाथम ने वर्षाए बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दौरान जिले में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता कार्य योजना तैयार करने के निर्देश कंपनी के अधिकारियों को दिए। स्वास्थ्य विभाग को आपात चिकित्सा दवाइयों की व्यवस्था, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस आदि की व्यवस्था, प्राथमिक उपचार बॉक्स की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता एवं उचित स्थान पर रखवाने की व्यवस्था, गंभीर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था, प्राकृतिक आपदा के दौरान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आम नागरिकों, विद्यार्थियों एवं विद्यालय कर्मियों आदि के लिए सुरक्षित स्थानों को चिन्हित करने, जिले की शैक्षणिक संस्थानों, पंचायत तथा अन्य स्थानों पर आकाशीय बिजली, तूफान, धूल, आंधी आदि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव की जानकारी, पोस्टर, दीवार लेखन, चित्रकारी अथवा अन्य माध्यमों से देने की व्यवस्था करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा अधिकारियों को दिए गए।
जनसामान्य को वज्रपात आकाशी बिजली से बचाव के लिए मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एक जनजागृति हेतु सामग्री भी तैयार करके प्राधिकरण के वेब पोर्टल www.mpsdma.mp.gov.in पर अपलोड किया गया है। दामिनी मोबाइल ऐप के माध्यम से आकाशीय बिजली, वज्रपात आदि की चेतावनी की जानकारी प्राप्त की जा सकती है जिसके द्वारा आमजन को सतर्क किया जा सकता है।
बैठक में कलेक्टर श्री बाथम द्वारा सामाजिक न्याय एवं जनकल्याण विभाग को निर्देशित किया गया कि बाढ़, अति वृष्टि, आपदा की स्थिति के अंतर्गत उन स्थलों को चिन्हित किया जाए जहां निशक्तजन खुले क्षेत्र में अधिक संख्या में रहते हो, उनको वज्रपात, आकाशीय बिजली से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जाएं। कलेक्टर ने कृषि, उद्योग, पर्यटन, श्रम आदि विभागों को भी बाढ़ अतिवृष्टि की स्थिति में आवश्यक कार्य योजना के लिए दिशा निर्देशित किया।