ब्रेकिंग
ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट की परेशानी, एक ही स्थान पर मरीजों को मिलेगा अत्याधुनिक, विश्वसनीय इलाज..... विश्व पर्यावरण दिवस.... प्रधानमंत्री सिंदूर का पौधा लगा रहे.... पूरा देश पर्यावरण दिवस मना रहा नेता ... मुंबई के प्रसिद्ध बॉलीवुड लेखक व रंगमंच कलाकार अरुण शेखर ने रतलाम में छात्रों को सिखाई कहानी कहने और... श्री योगीन्द्र सागर कॉलेज, रतलाम के 28 विद्यार्थियों का 6 लाख के आकर्षक पैकेज पर चयन..... श्री काश्यप मध्यप्रदेश बास्केटबॉल एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक बने... कहानीकार वैदेही कोठारी के कहानी संग्रह का विमोचन समारोह आज,पूर्व मंत्री उषा ठाकुर करेंगी विमोचन... कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप के निर्देश पर रोकस सदस्यों ने लिया स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा.... पंडित शिव शक्ति लाल शर्मा आयुर्वेद चिकित्सा एवं महाविद्यालय द्वारा निशुल्क स्वर्ण प्राशन शिविर का आय... SYSITS के शिक्षा शिखर सम्मान समारोह में प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान.... पलसोड़ी के समीप 8 लाइन पर सड़क हादसा ट्रैवलर बस एवं ट्राले में टक्कर 17 घायल....
ज्ञान भंडारपौराणिकी

बसंत पंचमी 2023, कथा और महत्व

रामायण काल से है बसंत पंचमी का खास कनेक्शन

Publish Date: January 23, 2023

वसंत पंचमी पूरे भारत में हिंदुओं और सिखों द्वारा मनाया जाने वाला एक रंगीन और खुशी का त्योहार है। इसे हिंदी में बसंत पंचमी भी कहा जाता है। ‘वसंत’ शब्द का अर्थ है वसंत और ‘पंचमी’ का तात्पर्य पांचवें दिन से है, इसलिए, जैसा कि नाम है, यह त्योहार वसंत के मौसम के पांचवें दिन मनाया जाता है।इस दिन विद्या और कला की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है|

हिंदू कैलेंडर और भारतीय कैलेंडर के अनुसार, माघ माह में शुक्ल पक्ष के 5वें दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी।इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023, बृहस्पतिवार के दिन मनाई जाएगी.

सृष्टि रचना के दौरान भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने जीवों, वों खासतौर पर मनुष्य योनि की रचना की| ब्रह्माजी अपने सृजन से संतुष्ट नहीं थे|  उन्हें लगा कि कुछ कमी है जिसके कारण चारों ओर मौन छाया है | विष्णु से अनुमति लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल का छिड़काव किया |पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही कंपन होने लगे| इसके बाद वृक्षों के बीच से एक अद्भु त शक्ति प्रकट हुई | यह शक्ति एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री थी | जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरे हाथ में वर मुद्रा था. अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी| ब्रह्माजी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया| जैसे ही देवी ने वीणा का मधुरनाद किया, संसार के समस्त जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हुई| जलधारा में कोलाहल व्याप्त हुआ| पवन चलने से सरसराहट होने लगी| तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा. सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है|

यह भी माना जाता है कि पीला सरस्वती मां का पसंदीदा रंग है, इसलिए लोग इस दिन पीले कपड़े पहनते हैं और पीले व्यंजन और मिठाइयां तैयार करते हैं। वसंत पंचमी पर देश के कई हिस्सों में केसर के साथ पके हुए पीले चावल पारंपरिक दावत होती है। वसंत पंचमी के दिन, हिंदू लोग मां सरस्वती चालीसा पढ़ते हैं ताकि उनका भविष्य अच्छा हो सके।

बसंत पंचमी का पौराणिक महत्त्व रामायण काल से जुड़ा हुआ है| जब मां सीता को रावण हर कर लंका ले गया तो भगवान श्री राम उन्हें खोजते हुए जिन स्थानों पर गए थे, उनमें दंडकारण्य भी था| यहीं शबरी नामक भीलनी रहती थी| जब राम उसकी कुटिया में पधारे, तो वह सुध बुध खो बैठी और प्रेम वश चख चखकर मीठे बेर राम जी को खिलाने लगी| कहते हैं कि गुजरात के डांग जिले में वह स्थान आज भी है, जहां शबरी मां का आश्रम था | बसंत पंचमी के दिन ही प्रभु रामचंद्र वहां पधारे थे. इसलिए बसन्त पंचमी का महत्व बढ़ गया|

 

Show More

Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Don`t copy text!