(www.css..24.com)रतलाम महिला सशक्तिकरण सप्ताह अन्तर्गत् जिला स्तरीय कार्यशाला सह सम्मान समारोह रजनीश सिन्हा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला रतलाम की अध्यक्षता में जिला रतलाम में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अन्तर्गत् महिला सशक्तिकरण सप्ताह के प्रथम दिवस पर कार्यशाला सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि हेतु बालिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण कर लिया गया।
कार्यक्रम के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा द्वारा महिला सशक्तिकरण सप्ताह के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं के आर्थिक आधार को सशक्त बनाने हेतु बताया गया। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
सहायक संचालक रविन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा भी उपस्थित प्रतिभागियों पाक्सो एक्ट, पॉश एक्ट की जानकारी दी गई। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की नोडल अधिकारी सुश्री अंकिता पण्ड्या द्वारा गुड टच बेड टच के बारे में बताते हुए बालिकाओ को और उपस्थित समुदाय को जनजागरूकता की पहल की । बालिकाओं को भी अपने माता-पिता की आर्थिक क्षमता में सीमित रहने की समझाईश दी ताकि किसी भी प्रकार के लालच से बालिकाओं का शोषण न हो सके। रतलाम जिले के पलसोड़ा गांव के श्रवण डांगी जो कि विगत् 8 वर्षों से गांव गांव में बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी टीम के साथ बैण्ड बजाते है और बालिका जन्म पर खुशी के माहौल को निर्मित करते है, इनके द्वारा बेटी जन्म पर हर्षोल्लास के माहौल को निर्मित करने हेतु उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम में पंडित, कैटरर्स, पत्रिका छापने वाले प्रिण्टर्स उपस्थित रहे। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह के लिए हर वो शख्श दोषी रहता है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बाल विवाह में सम्मिलित रहता है। साथ ही यह भी बताया गया कि बाल विवाह को रोकने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है। चाईल्ड लाईन जिला रतलाम जिला समन्वयक श्री प्रेम चौधरी द्वारा कोमल फिल्म देखने के लिए प्रेरित किया ताकि गुडटच बेडटच के बारे में बालिकाएं जान सके। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शाखा प्रभारी श्रीमती यशोदाकुंवर राजावत द्वारा एक वर्किंग वुमेन, एक बालिका की माता होने की हैसीयत से अपने अनुभव को सांझा करते हुए बालक बालिका की समान परवरिश पर जोर दिया गया , साथ ही बालिकाओं को रिश्तों की समझ से रूबरू किया। उपस्थित प्रतिभागियों से यह भी पहल की कि कार्यशाला में हुई वार्ता को वो अपने तक सीमित न रखे वरन् सामाजिक वातारण में इसको फैलाए। अनावश्यक विषयों पर वार्तालाप की बजाय महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अपनी वार्ता का विषय बनाए ताकि बात बात में सही बात, सही ज्ञान का फैलाव समाज में हो सके। कार्यक्रम के दौरान चाईल्ड लाईन के पूरे स्टाफ का सम्मान, बेटी बचाओ हेतु प्रेरक श्रवण डांगी और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य हेतु बालिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला महिला बाल विकास रतलाम का स्टॉफ, ब्लाक समन्वयक, पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। आभार पर्यवेक्षक श्रीमती मालती शर्मा द्वारा माना गया।