अनावश्यक रूप से महिला की निकाल दी बच्चेदानी… जुर्माना देकर बच गया निजी अस्पताल…
गंभीर मामले में मात्र 50000 अर्थ दंड में निजी अस्पताल को मिली मनमर्जी की छूट...
(www.csnn24. रतलाम जिले के जावरा में एक निजी अस्पताल के द्वारा महिला की बच्चेदानी अनावश्यक रूप से ऑपरेशन कर कर निकाल दी जाती है। तत्पश्चात जांच में भी वह हॉस्पिटल दोषी पाया जाता है।परंतु उसे मात्र ₹50000 जुर्माना अधिरोपित कर कर तथा भविष्य में इस प्रकार का कृत्य ना करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है इतने गंभीर विषय पर भी हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं करना समझ से परे है।और समझा जा सकता है कि जिले की चिकित्सा व्यवस्थाएं किस प्रकार से चल रही है। जिले के पिपलोदा विकासखंड की महिला द्वारा कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार के समक्ष उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत कर गुहार लगाई गई थी कि जावरा के पाटीदार मल्टी स्पेश्लिटी हॉस्पिटल भीमाखेडी फाटक में उपचार के दौरान अनावश्यक होने पर बिना बताए बच्चेदानी निकाल दी गई है। प्रकरण को कलेक्टर द्वारा समयसीमा निराकरण में रखते हुए सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर को जॉच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे।
सीएमएचओ द्वारा चिकित्सकों का दल गठित कर सभी संबंधितों के कथन दर्ज कर निष्पक्ष जॉच कराई गई। जॉच करने पर महिला को Chronic UTI With cystitis एवं Uterus Adynomyosis पाया गया था। महिला की प्रथम बार सोनोग्राफी बडोदा के पारूल सोनोग्राफी सेवा आश्रम द्वारा किया जाना पाया गया। मरीज को Uterus shows mild changes of Adenomyosis . mild changes of cystitis था। जॉच में मरीज की बच्चे दानी के ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होना पाया गया।इस क्रम में पाटीदार मल्टी स्पेश्लिटी हॉस्पिटल जावरा द्वारा मरीज की बच्चेदानी का अनावश्यक ऑपरेशन करने के कारण म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाऐं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973, व नियम 1997 की धारा 8 की उपधारा (ग) के प्रावधान अनुसार 50 हजार रूपए रूपये का जुर्माना संचालक पाटीदार मल्टी स्पेश्लिटी हॉस्पिटल जावरा के संचालक डॉक्टर दिनेश पाटीदार को शासकीय कोष में जमा कराने के आदेश जारी किए गए हैं तथा चेतावनी दी गई कि भविष्य में इस प्रकार का कृत्य किए जाने पर अस्पताल का रजिस्ट्रीकरण निरस्त करने की कार्यवाही की जावेगी।