2 या 3 फरवरी कब है बसंत पंचमी ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है, मां सरस्वती को पीले रंग के भोग और फूल अर्पित किए जाते हैं |

www.csnn24.com| हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है | ज्ञान की देवी मां सरस्वती की बसंत पंचमी के दिन पूजा की जाती है | हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है | इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगा | इसका समापन 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 52 मिनट पर होगा |
बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा | मान्यता है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थी, और इसीलिए इस तिथि को बसंत पंचमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है |
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजा का मुहूर्त
02 फरवरी को सुबह 7:09 मिनट से लेकर दोपहर 12:35 मिनट तक रहेगा | इस दिन पूजा के लिए सिर्फ 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा |
बसंत पंचमी महत्व
बसंत पंचमी छात्रों और शिक्षार्थियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है | इस दिन, स्कूल और कॉलेज में देवी सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है | कई ज्योतिषी बसंत पंचमी को अबूझ दिवस के रूप में मानते हैं | यह विश्वास सरस्वती पूजा के महत्व को बढ़ाता है, जिससे पूरा दिन पूजा और अच्छे कामों के लिए शुभ हो जाता है |
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा घर पर कैसे करें?
बसंत पंचमी के दिन, भक्त शक्तिशाली मंत्रों के जाप के माध्यम से देवी सरस्वती को प्रसन्न कर सकते हैं. ‘ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि’ और ‘ॐ ऐं ऐं ह्रीं ह्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः’ जैसे मंत्रों से आप देवी सरस्वती की कृपा पा सकते हैं|
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पीले कपड़े पहनें | फिर पूजा स्थल पर एक चौकी रखकर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर माता सरस्वती की फोटो या प्रतिमा रखें | इसके बाद मंदिर कलश, भगवान गणेश और नवग्रह का पूजन कर मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा शुरू करें | फिर माता के मंत्रों और श्लोकों का जाप करें |
बेसन लड्डू, केसर रबड़ी, पीले चावल, बूंदी या बूंदी के लड्डू भोग में लगा सकते हैं | ये सारी चीजें देवी सरस्वती को बहुत प्रिय है |