पनडुब्बी से टाइटैनिक देखने गए सभी 5 अरबपतियों की मौत ! क्या सच में श्रापित है टाइटैनिक ?
अनसुलझे है आज भी कई रहस्य

(www.csnn24.com) टाइटैनिक जहाज करीब 111 साल पहले अंधेरी रात में एक आइसबर्ग से टकराकर डूब गया था। उस अंधेरी रात में ज्यादातर यात्री नींद में सो रहे थे। जब यह हादसा हुआ, तो जहाज करीब 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। जहाज इंग्लैंड के साउथम्पैटन से अमेरिका के न्यूयार्क की यात्रा पर था। साल 1912 में 14 और 15 अप्रैल की रात अटलांटिक महासागर में समा गया। इस हादसे में करीब 1500 लोगों की मौत हो गई थी। आज भी इस हादसे को सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है।
अब इस बीच एक बेहद हौरान करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल एक छोटी पनडुब्बी लोगों को टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए गई थी, जो चालक दल के साथ 19 जून 2023 से अटलांटिक महासागर में लापता है।अमेरिकी तटरक्षक बल की तरफ से कहा गया है कि लापता ‘सबमर्सिबल’ में पांच लोग सवार हैं। सभी लोग 111 साल पहले डूबे जहाज ‘टाइटैनिक’ के मलबे का दस्तावेजीकरण करने के अभियान पर गए हैं। बताया गया है कि लापता पनडुब्बी ‘सबमर्सिबल’ की तलाश के दौरान पानी के अंदर से आवाज आने के बारे में पता लगाया गया है। अब OceanGate ने पनडुब्बी में सवार सभी पांचों लोगों की मौत की पुष्टि की है। यूएस कोस्टगार्ड्स ने बताया कि गुरुवार, 22 जून 2023 को उसका मलबा टाइटैनिक के पास मिला | जिसके बाद पनडुब्बी की ऑनर कंपनी ओशनगेट ने हादसे की पुष्टि की|
ओशनगेट कंपनी ने अपने बयान में कहा- हमने टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों को खो दिया है. इस हादसे पर हम शोक व्यक्त करते हैं. दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं उन पांचों यात्रियों के परिवारों के साथ हैं | हालांकि, यह दुखद हादसा हुआ कैसे, इस बारे में कंपनी ने अभी विवरण नहीं दिया. कुछ खोजकर्ताओं का मानना है कि जो पनडुब्बी रविवार, 18 जून की सुबह छह बजे उत्तर अटलांटिक महासागर में अपनी यात्रा के दौरान लापता हुई थी, उसके चालक दल के पास 4 दिन के लायक ही ऑक्सीजन थी| गुरुवार सुबह वो ऑक्सीजन खत्म हो गई थी. पनडुब्बी में सवार पांचों अरबपति यात्री टाइटैनिक जहाज के अवशेष को देखने के लिए गए थे| उस पनडुब्बी में ब्रिटिश-पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद (एंग्रो कोर्प के उपाध्यक्ष) और उनका बेटा सुलेमान, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी पर्यटक पॉल-हेनरी नार्गियोलेट और ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश सवार थे|
अब इस हादसे के बाद कुछ लोग इस एडवेंचर्स की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस स्थान को कब्रगाह माना जाना चाहिए, लेकिन उसे दिखाने लोगों को ले जाया जा रहा है। कुछ लोगों ने इस तरह के एडवेंचर्स ट्रैवल को सुसाइड मिशन बताया है। अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज की करीब 111 साल से चर्चा हो रही है। टाइटैनिक जहाज के चार रहस्यों से आज तक कोई पर्दा नहीं उठ पाया है। आज हम आपको उन रहस्यों के बारे में बताते हैं।
सितंबर 1985 में टाइटैनिक जहाज के मलबे को खोजा गया था। अटलांटिक महासागर में समुद्रतल से 2600 फीट नीचे मिला था। अमेरिका और फ्रांस ने इसे खोजने का काम किया था। अमेरिकी नौसेना की इसे खोजने में अहम भूमिकी थी। कनाडा के सेंट जॉन्स के दक्षिण में 700 किलोमीटर दूर और अमेरिका के हैलिफोक्स से 595 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में मलबा पाया गया था। दो टुकड़ों में जहाज मिला था और दोनों एक दूसरे से 800 मीटर दूर पड़े थे और आसपास भारी मात्रा में मलबा पड़ा था।
दुनिया के सबसे बड़े जहाज टाइटैनिक के बारे में कहा जाता है कि वह कभी नहीं डूब सकता है। हालांकि एक्सपर्ट के आधार पर तैयार की गई बीबीसी की रिपोर्ट में कई जानाकारियों दी गई हैं। इसमें बताया गया है कि टाइटैनिक को बनाते वक्त उसके अंदर कुछ खास तरह के कंपार्टमेंट को बनाया गया था। इससे अगर किसी भी वजह से जहाज का एक हिस्सा डूब जाता है, तो भी उसका एक भाग नहीं डूबेगा। लेकिन इस तरह जहाज को डिजाइन करने के बाद भी वह कैसे डूबा? इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक आज तक पता नहीं लगा पाए। कई थ्योरी में कहा जाता है कि जहाज के मुख्य हिस्से में आधी लंबाई तक सुराख हो गया था जिसकी वजह से टाइटैनिक डूब गया।
कई रिपोर्टेस में इस बात का दावा किया जाता है कि टाइटैनिक भी इस सम्मान का हकदार था। इसकी वजह से ब्लू बैंड को पाने के लिए अटलांटिक में उसकी स्पीड को बढ़ा दिया गया था। टाइटैनिक साउथेम्प्टन से न्यूयार्क तक अपनी पहली यात्रा पर था। टाइटैनिक की स्पीड को लेकर भी सवाल खड़े किए जाते हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, दर्दनाक हादसे में करीब 1500 लोगों की मौत हो गई थी। इतने लोगों के मौत की वजह उस समय लाइफ बोट की संख्या और यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की कमी भी थी। ऐसे में इतने लोगों की मौत को लेकर उठने वाले सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाएं हैं !
टाइटैनिक का डूबना आपके साथ कॉन्सपिरेसी थ्योरी भी लेकर आ रहा है। आइए जानें टाइटैनिक से जुड़े 5 कॉन्सपिरेसी थ्योरी के बारे में।
एक शापित ममी
सबसे पहले थ्योरी की बात करें तो इसे ‘मामी का शाप’ कहा जाता है। इस थ्योरी के अनुसार टाइटैनिक जहाज जब इंग्लैंड से न्यूयॉर्क के लिए निकला तो यह एक शापित ममी थी – जिसमें आमीन-रा की राजकुमारी के अवशेष थे। इस ममी के शाप से ही टाइटैनिक जहाज का हादसा हुआ और वह डूब गया। हालाँकि ब्रिटिश शास्त्रों के अनुसार यह थ्योरी पूरी तरह से गलत है। ममेरी 1990 से पहले कभी भी क्लासिक से बाहर की झलक ही नहीं थी।
टाइटैनिक पर रियल नीलमणि का हार था
दूसरी थ्योरी की फिल्म में हार्ट ऑफ द ओशन प्रॉप का इस्तेमाल किया गया था, फिर भी असली रत्न न हो, लेकिन उसके अनुसार भी यह बहुत ही अनमोल साबित हुआ, असली दुर्घटना को एक नया रहस्यात्मक तथ्य दिया गया | टाइटैनिक पर रियल नीलमणि का हार था, लेकिन इसकी कहानी फिल्म से बिल्कुल अलग है। कथित तौर पर यह हार केट फ्लोरेंस फिलिप्स के स्वामित्व में थी और यह उन्हें उनके प्रेमी हेनरी सैमुअल मॉर्ले ने दिया था। मॉर्ले द्वारा अपने दो डिप्लॉय और प्लॉट अपनी पत्नी और बेटी को पैसे देने के बाद यह जोड़ी अमेरिका में एक साथ नई जिंदगी शुरू करने के उद्देश्य से गुप्त रूप से टाइटैनिक पर यात्रा कर रही थी। जब टाइटैनिक डूबा तो केट ने कपड़े खो दिए और वह लाइफबोट नंबर 11 पर पहुंच गया, जबकि मॉर्ले, जो तैर नहीं सका, समुद्र में मर गया। यह भी व्यापक रूप से माना जाता है कि महासागर का हार्ट होप डायमंड पर आधारित है, जो मूल आकार का नीला हीरा है। कहा जाता है कि होप डायमंड शापित है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह उन लोगों के लिए है जिनके लिए दुखी भाग्य लेकर पास में आया था या इसे पहनना चाहा था, और यह अब संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में प्रदर्शित है।
जानबूझ कर डुबोया गया
अगले थ्योरी के अनुसार इस जहाज को जानबूझ कर डुबोया गया था। कॉन्सापिरेसी थ्योरी गढ़ने वालों के मुताबिक इसके पीछे बैंकर जेपी मॉर्गन का हाथ था, जो अपने करोड़पतियों को खत्म करना चाहते थे। ये प्रतिद्वंदी जैकब एस्टोर, बेंजामिन गुगेनहेम और इसिडोर स्ट्रॉस थे। थ्री की ही टाइटैनिक दुर्घटना में मौत हो गई थी। थ्योरी के मुताबिक, जापान के मॉर्गन भी शिप पर बाइक चलाने वाले थे, लेकिन पिछले कुछ समय में उन्होंने अपना प्लान बदल दिया। अमेरिका में रिजर्व बैंक की स्थापना का यह विरोध कर रहे थे, जबकि मॉर्गन इसका समर्थन कर रहे थे। टाइटैनिक डूब के एक साल बाद ही नेशनल रिजर्व बैंक की स्थापना हुई।
कभी नहीं डूबा टाइटैनिक
चौथा सिद्धांत तो यह भी कहता है कि टाइटैनिक जहाज कभी डूबा नहीं। इस थ्योरी के मुताबिक जहाज के मालिक कंपनी ने टाइटैनिक की तरह दिखने वाले जहाज को ओलंपिक से बदल दिया था। थ्योरी का कहना है कि कंपनी ओलम्पिक से पीछा करने की चाहत थी और उसे दोस्ती का पैसा भी मिलना चाहिए था। इसी वजह से टाइटैनिक की जगह ओलंपिक्स को लॉन्च किया गया। हालाँकि आज ऐसे साक्ष्य स्पष्ट रूप से मौजूद हैं, जिनके अनुसार टाइटैनिक जहाज ही पानी में डूबा हुआ था।
टाइटैनिक को पनडुब्बी ने डुबोया
टाइटैनिक का हादसा 1914 में प्रथम विश्व युद्ध से पहले शुरू हुआ था। कॉन्सापिरेसी थ्योरी के अनुसार जर्मन पनडुब्बी ने इस पर हमला किया था, जिसके कारण यह जहाज डूब गया। कई यात्रियों ने दावा किया कि वे 10-12 किमी की दूरी पर एक सबमर्सिबल जैसी दिखने वाली चीज को देख रहे थे। हालाँकि बाद में यह भी एक फर्जी दावा ही साबित हुआ।
टाइटैनिक कैसे डूबा था ?
विद्वानों का मानना है कि टाइटैनिक का डूबना एक दुर्घटना का कारण था। जहाज एक बर्फीली चट्टान से टकराया था। इस टक्कर के बाद जहाज के अंदर पानी की आपूर्ति की गई। टाइटैनिक जहाज़ समुद्र में सीधा खड़ा हो गया और फिर दो बार टूट गया। दुर्घटना के 73 साल बाद 1985 में कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के करीब यह सागर में डूब गया।