आयुष विभाग द्वारा औषधिय पादपों की खेती हेतु देवारण्य योजना के अंर्तगत कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन…
(www.csnn24.com)रतलाम कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार के मार्गदर्शन में आयुष विभाग द्वारा तथा सोलिडारीडाड संस्था एवं कृषि विभाग के सहयोग से देवारण्य योजना के अंर्तगत दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस कार्यशाला का आयोजन कृषक प्रशिक्षण केंद्र जावरा में किया गया, जिसमे जिले के 35 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कर किया।
जिला आयुष अधिकारी डॉ. बलराज सिंह चौहान ने देवारण्य योजना की जानकारी देते हुए सभी किसानों को औषधीय खेती एवं उससे होने वाले लाभ जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी ने किसानों को औषधीय फसलों के गुणों की विस्तार से चर्चा करते हुए कोरोना संक्रमण के दौरान विभिन्न उपयोग एवम उनके महत्व की जानकारी प्रदान की।
डा. शीशराम जाखड़ ने विभिन्न औषधीय फसलों में आवस्यक मृदा की सरंचना, मिट्टी में उपलब्ध तत्व एवम उनके महत्व के साथ ही उनकी आपूर्ति हेतु आवश्यक जैव रसायनों की जानकारी दी। डा. ज्ञानेंद्र प्रताप तिवारी ने औषधीय फसलों में विभिन्न प्रकार की बीमारी एवम कीटो की जानकारी देते हुए उनके उपचार की जानकारी दी। डा. रामधन घासवा ने औषधीय खेती में में जैविक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनके बाजार महत्व के बारे में जानकारी दी । वरिष्ठ उद्यानिकी विकास अधिकारी श्यामलाल सोलकी ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओ एवम औषधीय खेती हेतु दी जा रही विशेष योजना की जानकारी दी। कृषक प्रशिक्षण केंद्र की प्राचार्या श्रीमती निशा सोलंकी ने किसान प्रशिक्षण के महत्व की समझते हुए किसानों को औषधीय खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सोलीडारीडाड संस्था के जोनल मैनेजर अरविंद पाटीदार ने देवारण्य योजना की जानकारी देते हुए योजना के विभिन्न घटकों की जानकारी दी तथा अभी तक हुए कार्य की प्रगति की जानकारी दी। कार्यक्रम में आयुष विभाग की ओर से कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. इंतखाब मंसूरी तथा डा. सुरेश भूरा उपस्थित रहे तथा भेरूलाल हाड़ा, गिरधारी लाल ने सेवाएं दी तथा सॉलिडारीडाड संस्था से जिला प्रबंधक राहुल गेहलोद तथा फील्ड सहायक लोकेंद्र सिंह सोलंकी उपस्थित रहे। संचालन अरविंद पाटीदार ने एवम आभार डा. सुरेश भूरा द्वारा प्रकट किया गया।