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हे दुख भंजन मारुति नंदन मत सुनना उनकी पुकार जिनको है धर्म के नाम पर वोटो की दरकार…

आखिर ऐसा क्या हो गया करमदी में... अहिंसा को सर्वोपरि मानने वाले दोनों धर्म एक दूसरे के सामने खड़े हो गए कौन है इनके पीछे..

Publish Date: August 26, 2023

(www.csnn24 com) AMIT NIGAM /SHEEMON NIGAM  रतलाम। वैसे तो रतलाम को शांति सौहार्द आपसी प्रेम भाईचारे सद्भाव और शांति का टापू कहा जाता है। परंतु वर्तमान में एक छोटे से विषय में इस कहावत पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। विषय है रतलाम के करमदी गांव में स्थित दो समाजों के बीच धर्म ध्वजा को लेकर विवाद का। भगवान शत्रुंजय का तीर्थ हो अथवा मृत्युंजय के अवतार हनुमान जी का मंदिर बस विवाद इस बात का हे की किसकी धर्म ध्वजा वहां पर लहराएगी अथवा किस धर्म का वहां पर वर्चस्व रहेगा। और सबसे बड़ी बात की चुनावी वर्ष में यह मुद्दा अचानक कहां से और कैसे उत्पन्न हुआ और इस मुद्दे को हवा कौन दे रहा है ? दोनों पक्षों की ओर से जांच का विषय है। इस मुद्दे का नेतृत्व कौन लोग कर रहे हैं ? ओर अचानक ऐसा क्या हो गया कि यह इतने बड़े विवाद का विषय बन गया ? कि अब चुनावी समय में जैन और सनातन का विषय उत्पन्न हो गया है। सर्व विदित है कि होली दिवाली सभी त्यौहार यह दोनों धर्म एक साथ मनाते हैं एक साथ गणेश विष्णु लक्ष्मी की पूजा करते हैं। और एक साथ सभी उत्सव और त्योहार को मानते हैं और उसको सेलिब्रेट करते हैं एक साथ आनंद उठाते हैं। क्षमा पर्व पर एक दूसरे से माफी भी मांगते हैं ,एक दूसरे को क्षमा याचना का संदेश भी देते हैं। तो फिर धर्म ध्वजा पर विवाद क्यों? जैन समाज भगवान महावीर के बताए हुए मार्ग पर पर चलता है उनके संदेश को मानता है और सभी को प्रेरित करता है अहिंसा के लिए। अहिंसा का मतलब यह नहीं है कि किसी को मारना इतना अथवा चोट पहुंचाना। अहिंसा का मतलब है कि किसी का दिल भी नहीं दुखया जाए किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया जाए। सर्व धर्म सद्भाव अहिंसा परमो धर्म को अपनाया जाए। तो वही हमारा सनातन धर्म भी हमें इजाजत नहीं देता कि हम किसी भी धर्म का अनादर करें और सनातन में तो सबसे बड़ी बात यह है कि वसुधैव कुटुम्बकम् सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है जो महा उपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है। इसका अर्थ है- धरती ही परिवार है । तो फिर छोटी सी बात पर इतना झगड़ा क्यों ? चौथा स्तंभ न्यूज़ नेटवर्क csnn24.com दोनों पक्ष के तथा रतलाम के बुद्धिजीवी वर्ग एवं राजनीतिक वर्ग से अपेक्षा करता है कि सभी राजनीतिक मुद्दे छोड़कर इस समस्या को एक जुट होकर समाप्त करें। पहले विवाद नहीं था तो अब क्यों? हम जिला प्रशासन से भी अपेक्षा करते हैं कि वह भी निष्पक्षता से दोनों पक्षों को सुने और दोनों पक्षों के हितों के ध्यान रखते हुए मामले का पटाक्षेप करें अन्यथा चुनाव भी समय में यह मामला बहुत बड़ा विषय ले सकता है क्योंकि एक बार लापरवाही के कारण रतलाम से ही एक बड़ा किसान आंदोलन उत्पन्न हुआ था जो पूरे प्रदेश में ही नहीं देश में की चर्चा का विषय बना था। एक बार पुनः हमारा न्यूज़ नेटवर्क प्रार्थना करता है और दोनों पक्षों से निवेदन करता है कि आपसी सामंजस्य और प्रेम भाव से इस मामले को खत्म करें, ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आए जो सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं और आप लोगों का उपयोग करना चाहते हैं। सिर्फ एक निवेदन आपसी प्रेम सामंजस्य से एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें ।

 

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Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

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