भाजपा का फरार नेता नवनियुक्त जिला अध्यक्ष के साथ… रोक सको तो रोक लो… गिरफ्तार कर सको तो गिरफ्तार कर लो… पुलिस को चुनौती एक भाजपा नेता की…
बड़े-बड़े अपराधों का खुलासा करने वाली पुलिस के लिए क्या यह एक चुनौती नहीं...
(www.csnn24.com) रतलाम जिले के नामली थाना क्षेत्र अंतर्गत निवास करने वाले भाजपा के एक नेता या फिर यूं कहें कि भाजपा का यह कद्दावर रसूखदार नेता लगातार पुलिस के साथ लुका छुपी का खेल खेल रहा हैं। अब इस लुका छुपी के खेल में पुलिस भाजपा नेता को थप्पी दे रही है या भाजपा नेता पुलिस को थप्पी यह तो पुलिस ही बता सकती है। नामली के दो बहु चर्चित घोटाले कांड में 2019 से फरार यह भाजपा नेता अक्सर नामली एवं अपने निवास पर देखे जाते हैं तथा समय-समय पर सभी वरिष्ठ राजनेताओं के कार्यक्रम में भी शिरकत करते हैं परंतु पुलिस के रिकॉर्ड में यह अभी 2019 से फरार हैं। परंतु हाल ही में 2019 से फरार चल रहे नामली के इन तत्कालीन नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष को भाजपा के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय एवं कैबिनेट मंत्री जी के साथ देखा गया जिसका फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया गया, तथा नरेंद्र सोनवा मित्र मंडल के नाम से स्वागत करने के फोटो भी शेयर किए गए, हालांकि बाद में फोटो शेयर करने वालों को जब गलती समझ में आई तो उन्होंने तत्काल उन फोटो को सोशल मीडिया से डिलीट कर दिया परंतु तब तक यह फोटो कुछ मोबाइल में सेव हो चुके थे जो अब भी वायरल हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं नामली के तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा की जिन पर नामली में अपने पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना तथा कोंच तालाब योजना के अंतर्गत करोड़ो का घोटाला तत्कालीन सीएमओ के साथ करने का आरोप है। और इस पूरे मामले में तत्कालीन सीएमओ लगभग डेढ़ साल तक की सजा काटकर जमानत पर बाहर हैं तथा इन कद्दावर भाजपा नेता नरेंद्र सोनावा की जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है। और यह निर्बाध रूप से पूरे कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए खुलेआम घूमते नजर आते हैं परंतु पुलिस को नहीं दिखते आमजन और मीडिया कर्मियों को अक्सर दिख जाते हैं। अब प्रश्न उठता है कि आखिर पुलिस की ऐसी क्या मजबूरियां है कि वह इस भाजपा नेता को 2019 से अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई अथवा पुलिस पर कोई बड़ा दबाव है? और इस भाजपा नेता पर किसी बड़े ऐसे नेताओं का हाथ है जो इसको पुलिस से अभय दान दिलवाने का काम पर्दे के पीछे रहकर कर रहा है। भाजपा के शासन में पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान वर्तमान मुख्यमंत्री भी खुलेआम कह चुके हैं कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ,वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा कई मामलों में अभी सख्त एक्शन और परिणाम भी देखने में आया है अब ऐसे में देखना है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव यह मामला सामने आने के पश्चात पुलिस को क्या निर्देश देते हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेता तथा तत्कालीन नामली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा पर 2019 में जब प्रधानमंत्री आवास घोटाले लेकर प्रकरण दर्ज हुआ था तो उसमें यह पाया गया था कि इस योजना के अंतर्गत 776 हितग्राहियों के खातों में राशि अंतरित की गई थी। इसमें से 430 लोगों को पात्र और 366 लोगों को अपात्र पाया गया था। तथा नाम का अनुमोदन उस समय तत्कालीन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर कर भी नहीं लिया गया था, ऐसे लोगों की संख्या 101 थी। पूरे मामले में पाया गया था कि तत्कालीन अध्यक्ष एवं सीएमओ के द्वारा अपात्र लोगों की राशि का अंतरण अन्य बैंकों में किया गया था। पूरे मामले में जांच अधिकारी पीहू कुरील के नेतृत्व में 10 सदस्य दल के द्वारा पूरे मामले की जांच कर कर रिपोर्ट सोपी गई थी। तत्पश्चात पुलिस के द्वारा दोनों पर 420 467 468 471 में मामला दर्ज किया गया था तथा मुकदमा दर्ज होने के पश्चात दोनों फरार हो गए थे। इसी दौरान एक और नया मामला उजागर हुआ था। इस मामले में नामली के पंचेड़ रोड पर कोचा तालाब के निर्माण में अनियमितताएं पाई गई थी तथा जिसके चलते ठेकेदार तत्कालीन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनवा सीएमओ अरुण ओझा के खिलाफ एक और प्रकरण धारा 409 420 और 34 के अंतर्गत दर्ज किया गया था। इस मामले में एक करोड़ 10 हजार 757 रुपए के मामले का गबन करने का आरोप है। इस मामले में तालाब के निर्माण में अधिकतम दर स्वीकृत कर कर तालाब का निर्माण करवाने का आरोप लगा था। तथा माप पुस्तिका पर भी किसी अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। इस प्रकरण के दौरान दोनों तत्कालीन अध्यक्ष तथा सीएमओ फरार थे बाद में दबाव के चलते पुलिस के द्वारा सीएमओ को गिरफ्तार कर लिया गया था एवं उन्हें जेल भेज दिया गया था सूत्रों के मुताबिक सीएमओ वर्तमान में जावरा में लेखपाल के पद पर कार्यरत हैं और नरेंद्र सोनवा पुलिस के हिसाब से अभी भी फरार है, हालांकि अक्सर वह इस प्रकार के कार्यक्रमों में दिख जाते हैं। और पुलिस तथा मध्य प्रदेश शासन की मंशा को खुलेआम चुनौती देते हुए दिख जाते हैं की रोक सको तो रोक को गिरफ्तार कर सको तो गिरफ्तार कर लो अब देखना है कि नरेंद्र सोनावा कितने समय तक पुलिस के साथ या पुलिस नरेंद्र सोनवा के साथ खो खो अथवा लुका छिपी का खेल खेलते हैं।
Disclaimer:-csnn24.com इन वायरल फोटो की पुष्टि नहीं करता… उपरोक्त फोटो योगेश सोनवा के द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किए गए हैं…