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लो मैं आ गया… पुलिस की गिरफ्त से दूर भाजपा के रसूखदार नेता नामली के नरेंद्र सोनावा का न्यायालय में समर्पण..
2019 से था फरार ...पुलिस न्यायालय तक पहुंचाने के पहले नहीं कर पाई गिरफ्तार...
Publish Date: March 11, 2024
(www.csnn24.com) रतलाम नामली का रसूखदार भाजपा नेता आखिरकार आज न्यायालय में प्रस्तुत हो गया। पुलिस ने इसका एक दिन का रिमांड लिया है।सन 2019 से दो बड़े घोटाले में फरार भाजपा का रसूखदार कद्दावर नेता नगर पालिका परिषद नामली का तत्कालीन परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा आखिरकार अंतिम समय तक पुलिस के हाथ में नहीं आयाl 2019 से पुलिस के अनुसार कागजों में यह लगातार फरार था और पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। हालांकि यह कद्दावर नेता संपूर्ण रतलाम जिले ही नहीं नामली में भी अपने निवास एवं फार्म हाउस पर खुलकर देखा जाता था। इसके अलावा चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ भी इसके फोटो लगातार वायरस होते रहे ।परंतु पुलिस इसे गिरफ्तार नहीं कर पाई और अंततः अपने घर में पारिवारिक मांगलिक कार्यक्रम होने के कारण (जानकारी सूत्रों के मुताबिक पुष्टि नहीं) इस रसूखदार कद्दावर भाजपा के नेता ने न्यायालय में आराम से जाकर सरेंडर कर दिया और सूत्रों की माने तो मात्र एक दिन के रिमांड के पश्चात इसकी जमानत भी हो सकती हैl
जानिए क्या था पूरा मामला;- भाजपा के नेता तथा तत्कालीन नामली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा पर 2019 में जब प्रधानमंत्री आवास घोटाले लेकर प्रकरण दर्ज हुआ था तो उसमें यह पाया गया था कि इस योजना के अंतर्गत 776 हितग्राहियों के खातों में राशि अंतरित की गई थी। इसमें से 430 लोगों को पात्र और 366 लोगों को अपात्र पाया गया था। तथा नाम का अनुमोदन उस समय तत्कालीन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर कर भी नहीं लिया गया था, ऐसे लोगों की संख्या 101 थी। पूरे मामले में पाया गया था कि तत्कालीन अध्यक्ष एवं सीएमओ के द्वारा अपात्र लोगों की राशि का अंतरण अन्य बैंकों में किया गया था। पूरे मामले में जांच अधिकारी पीहू कुरील के नेतृत्व में 10 सदस्य दल के द्वारा पूरे मामले की जांच कर कर रिपोर्ट सोपी गई थी। तत्पश्चात पुलिस के द्वारा दोनों पर 420 467 468 471 में मामला दर्ज किया गया था तथा मुकदमा दर्ज होने के पश्चात दोनों फरार हो गए थे। इसी दौरान एक और नया मामला उजागर हुआ था। इस मामले में नामली के पंचेड़ रोड पर कोचा तालाब के निर्माण में अनियमितताएं पाई गई थी तथा जिसके चलते ठेकेदार तत्कालीन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनवा सीएमओ अरुण ओझा के खिलाफ एक और प्रकरण धारा 409 420 और 34 के अंतर्गत दर्ज किया गया था। इस मामले में एक करोड़ 10 हजार 757 रुपए के मामले का गबन करने का आरोप है। इस मामले में तालाब के निर्माण में अधिकतम दर स्वीकृत कर कर तालाब का निर्माण करवाने का आरोप लगा था। तथा माप पुस्तिका पर भी किसी अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। इस प्रकरण के दौरान दोनों तत्कालीन अध्यक्ष तथा सीएमओ फरार थे बाद में दबाव के चलते पुलिस के द्वारा सीएमओ को गिरफ्तार कर लिया गया था एवं उन्हें जेल भेज दिया गया था सूत्रों के मुताबिक सीएमओ वर्तमान में जावरा में लेखपाल के पद पर कार्यरत हैं और नरेंद्र सोनवा पुलिस के हिसाब से लगातार फरार चला रहा। हालांकि बड़े-बड़े नेताओं एवं सार्वजनिक कार्यक्रम में लगातार देखा गया। और पुलिस तथा मध्य प्रदेश शासन की मंशा को खुलेआम चुनौती देता रहा। अभी का 6 मार्च को भी यह न्यायालय में प्रस्तुत हुआ था परंतु राहुल गांधी का कार्यक्रम होने के कारण पुलिस डायरी न्यायालय में नहीं पहुंच पाई थी। तत्पश्चात इसे आज 11 तारीख को न्यायालय में प्रस्तुत होने के आदेश दिए गए थे। उच्च स्तर पर सुप्रीम कोर्ट मैं इनके द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई गई थी परंतु जब इनको लगा कि वहां से राहत नहीं मिलेगी तो यह वापस अर्जी लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए थे वहां से भी इनको राहत नहीं मिली। अब प्रश्न यह उठता है कि भाजपा की सरकार में भाजपा की योजनाओं को पलीता लगाने वाले इस भाजपा के कद्दावर नेता को क्या बीजेपी बचाएगी अथवा इसके खिलाफ कठोरता कार्रवाई होगी एवं इसको जेल जाना पड़ेगा। इस संदर्भ में पुलिस कप्तान राहुल लोढा का बोलना है कि एक दिन का रिमांड लिया है बहुत जल्दी पूरी कार्रवाई कर कर और भी आगे तत्व सम्मत कार्रवाई की जाएगी।