Chaitra Navratri 2025 : 8 दिनों की चैत्र नवरात्रि, 30 मार्च 2025 से शुरू
चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन, सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा

www.csnn24.com| मां शक्ति की भक्ति के पर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025,रविवार से होगी।इस बार नवरात्र की शुरुआत भी रविवार से होगी और समापन भी रविवार से ही होगा | चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होने से इस बार नवरात्रि 9 दिनों की बजाय 8 दिनों की होगी। नवरात्रि के दिन मां शक्ति के उपासना के लिए बेहद खास होते हैं इसलिए सर्वार्थ सिद्धि योग में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाएगी। सालभर में दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि सहित 4 नवरात्रि मनाई जाती है। माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। इसमें मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जबकि चैत्र माह की नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। अंतिम दिन कन्याओं को भोजन कराकर मां का आशीर्वाद लेते हैं।
गुड़ीपड़वा भी होगी
30 मार्च से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। अलसुबह सूर्य को अघ्र्य देकर शंख ध्वनि के बीच नए साल का स्वागत किया जाएगा। साथ ही महाराष्ट्रीय समाज का प्रमुख पर्व गुड़ीपड़वा भी मनाया जाएगा। इस दिन महाराष्ट्रीयन परिवारों में सुबह गुड़ी सजाकर उसकी पूजा की जाएगी और पूरनपोल, श्रीखंड-पूरी सहित अन्य व्यंजनों बनाए जाएंगे।
आगमन और विदाई हाथी पर होगी
घट स्थापना मुहूर्त
इस साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से होने जा रही है। इस दिन घट स्थापना का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है –
- घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
कब है अष्टमी और राम नवमी ?
इस बार चैत्र नवरात्र की महाष्टमी और महानवमी का संयोग देखने को मिल रहा है, क्योंकि इस बार पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है। ऐसे में 8 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस प्रकार 5 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि का पूजन किया जाएगा और इसी दिन पर कन्या पूजन भी किया जाएगा। इसी के साथ अगले दिन यानी 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि का पूजन और राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।