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भानगढ़ का रहस्य: क्या है भानगढ़ किले का राज़?

विचित्र किंतु सत्य

Publish Date: January 28, 2023

भारत में ऐसी कई जगह है जहां पर लोगों को प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। ऐसी ही कुछ जगहों में से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में स्थित भानगढ़ किला (Bhangarh Fort)। इस किले को लेकर कई सारी बातें प्रसिद्ध है और इसे भारत के सबसे डरावनी जगहों में से एक के रूप में गिना जाता है

ऐसा माना जाता है कि यह किला भूतों से शापित है और यहां पर भूत प्रेत का वास है। भानगढ़ किले को लेकर कई सारे राज आज तक दफन है और लोगों को इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है। ऐसे में आज हम बात करेंगे भानगढ़ किले के रहस्य के बारे में।

भानगढ़ किला का निर्माण बहुत वर्षों पहले किया गया था। ऐसा माना जाता है कि राजस्थान में स्थिति यह किला 17 वी शताब्दी में बनाया गया था और तब से लेकर आज तक वहीं पर मजबूत खड़ा है। ऐसा माना जाता है कि इस किले का निर्माण आमेर के राजा भगवत दास ने अपने छोटे बेटे माधो सिंह के लिए बनवाया था। हालांकि इस किले में रहने के बारे में भूतिया कहानियां कई वर्षों से प्रचलित है और लोग इसे आज तक विश्वास करते हैं। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने यहां पर भूतों का सामना करने की बात स्वीकार की है और अपनी कहानियां दुनिया से साझा की है।

पहली कहानी के अनुसार राजा माधो सिंह जिन्होंने शहर का निर्माण किया था, उन्होंने वहां रहने वाले एक संत की अनुमति के बाद किले का निर्माण किया था। हालांकि संत इसी शर्त पर सहमत हुए थे कि उनके किले की परछाई संत के घर पर ना पड़े। हालांकि किस्मत को ऐसा मंजूर नहीं था। किले के निर्माण के बाद उसकी छाया संत के घर पर पड़ी जिसके बाद गुस्से में संत ने भानगढ़ को श्राप दिया। इसके बाद पूरा शहर तबाह हो गया और तब से इसे भूतिया किला कहां जाने लगा।

दूसरी कहानी राजकुमारी रत्नावती के बारे में है। ऐसा माना जाता है कि राजकुमारी रत्नावती बहुत सुंदर थी। उस वक्त वहां रहने वाले एक तांत्रिक का दिल राजकुमारी पर आ गया था जिसके बाद तांत्रिक ने राजकुमारी को काला जादू करके अपने वश में करने के बारे में सोचा। ऐसा करने के लिए तांत्रिक ने राजकुमारी को एक ऐसा पेय दिया जिससे राजकुमारी उसके वश में आ जाए। हालांकि राजकुमारी को शक हो गया और वह तांत्रिक की चाल समझ गई। इसके बाद तांत्रिक को मौत की सजा सुना दी गई और उसने अपनी मौत से पहले भानगढ़ को श्राप दिया था। इसके बाद से भानगढ़ पूरी तरह से तबाह हो गया।

यहां बताए गए कहानियां मनगढ़ंत जरूर लग सकती है लेकिन वहां रहने वाले लोग आज भी इस पर बहुत विश्वास करते हैं और किले के आस पास जाने से भी कतराते हैं। शाम के बाद भानगढ़ किले में जाने की इजाजत नहीं है। इसलिए शाम होते ही वहां के दरवाजों पर ताले लगा दिए जाते हैं और अगले दिन सुबह होने पर ही इसे खोला जाता है।

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Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

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