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भाई दूज एवं चित्रगुप्त पूजा 2024… भाई दूज व चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024 को मनाई जायेगी…

जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

Publish Date: October 24, 2024

(www.csnn24.com) सनातन धर्म में चित्रगुप्त पूजा हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि के दिन यानी दिवाली के दूसरे दिन यम द्वितीया और भाई दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस तिथि को उनकी उत्पत्ति हुई थी। पंचांग के अनुसार, इस साल चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024 को की जाएगी।

शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर, 2024 की रात में 8 बजकर 21 मिनट पर हो रही है और इस तिथि की समाप्ति 3 नवंबर की रात में 10 बजकर 5 मिनट पर होगी। पंडितों के अनुसार, इस दौरान भगवान चित्रगुप्त की पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार 3 नवंबर, 2024 को सुबह 07।57 AM से दोपहर 12।04 PM तक बन रहा है।

कायस्थ समाज के प्रवर्तक हैं भगवान चित्रगुप्त

मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा के शरीर से कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि हुआ था। चूंकि वे भगवान ब्रह्मा के शरीर यानी ‘काया’ से पैदा हुए थे, इसलिए उनका एक नाम ‘कायस्थ’ भी है और पृथ्वी पर उन्हें चित्रगुप्त के नाम से जाना है। चित्रों मे उन्हें हमेशा कलम और दवात (स्याही की बोतल) लिए हुए दिखाया जाता है। कायस्थ समुदाय चित्रगुप्त के वंशज यानी ‘चित्रांश’ हैं। इसलिए कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा की जाती है और विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं।

क्या है कलम-दवात पूजा?

चित्रगुप्त पूजा वाले दिन व्यापारी समुदायों और कायस्थ समाज में कलम-दवात, खाता-बही, नोटबुक और कागज की पूजा की जाती है। कारोबारियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है, इस दिन नई किताबों पर ‘श्री’ लिखकर काम की शुरुआत की जाती है। संपूर्ण आय-व्यय का हिसाब लिखकर भगवान को समर्पित किया जाता है। इसे ‘कलम-दवात पूजा’ कहते हैं। मान्यता है इससे व्यापार में तरक्की होती है। कलम-दवात पूजा के दिन भगवान चित्रगुप्त का स्मरण करने से कार्य में उन्नति, आकर्षक वाणी और बुद्धि में वृद्धि का वरदान प्राप्त होता है।

यम को वरदान

ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन यम से बहन यमुना को एक वरदान मिला था। इस वरदान में ये कहा गया था कि जो भाई अपनी बहन के यहां जाकर इस दिन माथे पर तिलक लगाएगा और बहन के हाथों से बना भोजन खाएगा उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इसके लिए भी भगवान चित्रगुप्त जी की भी पूजा की जाती है।

कैसे करें भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा

  • सुबह सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।
  • इसके बाद चौक बनाएं।
  • अब भगवान चित्रगुप्त जी की तस्वीर को इसपर रखें।
  • उनके सामने घी का दीपक जलाएं और पुष्प और मिठाई अर्पित करें।
  • उन्हें आप कलम भी अर्पित कर सकते हैं।
  • इसके बाद सफेद कागज पर हल्दी लगाकर उस पर श्री गणेशाय (सूर्य मंत्र) नमः: लिखें।
  • फिर ऊं चित्रगुप्ताय नम: मंत्र का उच्चारण करें।

 

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Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

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