अद्भुत खगोलीय घटना, चंद्रमा और शुक्र की अनोखी तस्वीर
श्रद्धालुओं ने नवरात्रि से जोड़कर माँ चंद्रघंटा के दर्शन से की तुलना
(www csnn24.com) रतलाम जब आस्था और विश्वास जुड़ जाता है तो कहीं ना कहीं लोगों का विश्वास ईश्वर के प्रति और दृढ़ ओर अगाध हो जाता है। चैत्र नवरात्र का पवित्र समय चल रहा है और आज माँ चंद्रघंटा की पूजा आमजन के द्वारा की गई । ऐसे में एक अनोखी खगोलीय घटना आस्था और धर्म के साथ जोड़कर देखी जा रही है, किसी ने इसे शायरी से जोड़ दिया, किसी ने विज्ञान से तो किसी ने धर्म और विश्वास से l शुक्रवार की शाम से चंद्रमा और शुक्र ग्रह की तस्वीरें लगातार सोशल मीडिया पर लोगों के द्वारा शेयर अथवा वायरल की जा रही है और उसे नवरात्र में माँ चंद्रघंटा के दर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। जी हां आज आकाश में कुछ ऐसा ही चमत्कारिक नजारा देखने को मिला जब अर्ध चंद्रमा के बिल्कुल ठीक नीचे एक बिंदी जैसा नजारा देखने में आया। और इस नजारे को लोगों ने अपने कैमरे में कैद कर कर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए विभिन्न रूप से अपने वक्तव्य अथवा कमेंट रखें। कुछ लोगों ने इसे खगोलीय घटना बताया कुछ लोगों ने अद्भुत नजारा तो कुछ लोगों ने नवरात्र के पवित्र महीने में माँ चंद्रघंटा के साक्षात दर्शन से जोड़कर इस खगोलीय घटना को शेयर करा।
इस बारे में जो वैज्ञानिक तथ्य सामने आया है उसके अनुसार आज चंद्रमा के साथ शुक्र ग्रह युति बनाते हुए दिखा। वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर शुक्र 18 करोड़ 52 लाख किलो मीटर दूर था, यह माइनस 3.98 मैग्निट्यूड से चमक रहा था।वहीं, चंद्रमा 3 लाख 79 हजार किलोमीटर दूर था। दूर रहते हुए भी शुक्र की 10 फीसदी चमक थी। इतना बड़ा अंतर होते हुए भी इनका कोण पृथ्वी से देखने पर इस प्रकार था कि एक साथ नजर आ रहे थे। हालांकि एक यह अद्भुत खगोलीय घटना थी परंतु लोगों ने इसको श्रद्धा और विश्वास से जोड़कर भी देखा और शाम को 6:00 बजे के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर इसके फोटो लोगों ने शेयर करें कुछ लोगों ने माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर विराजित चंद्र तिलक से इसकी तुलना करते हुए माता जी का आशीर्वाद बताया।
खगोल शास्त्रियों और वैज्ञानिकों ने इसे एक अद्भुत खगोलीय घटना बताया जो अक्सर कई सालों में होती रहती है। तो वही ज्योति शास्त्रियों ने इस घटना को नवरात्र से जोड़ते हुए एक शुभ संकेत बताया और कई प्रकार की भविष्यवाणियां करी।
csnn24 की यह खबर पाठकों के द्वारा शेयर की गई तस्वीरों और उनके वक्तव्य तथा स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर हैl