आखिर वह कौन सी शक्ति अथवा… है?जो डीजे की आवाज को भी दबा देती है…. जिम्मेदारों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी नहीं है खोफ….
रतलाम : देर रात तक डीजे का शोर, पुलिस और प्रशासन की लापरवाही जारी !.....बुजुर्ग और विद्यार्थियों को हो रही है परेशानी, शिकायत करने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई !

{www.csnn24.com) रतलाम | मैरिज गार्डन, प्रमुख मार्ग और गलियों में देर रात तक डीजे साउंड बज रहे हैं ! आतिशबाजी की जा रही है। शोरगुल से जहां विद्यार्थी वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं, वहीं रहवासियों की रातों की नींद खराब हो रही है ! नागरिकों का कहना है कि शोरगुल पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून तो बने हैं, लेकिन इस पर प्रभावी ढंग से अमल नहीं हो रहा है। प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते ये कानून कागजों में सिमटे हुए हैं !
नियमों का नहीं हो रहा पालन
लोगों की परेशानियों से न तो विवाह समारोह कराने वाले परिवार का कोई लेना-देना है और न ही मैरिज गार्डन परिसर संचालकों को कोई वास्ता है। न्यायालय, स्कूलों, टेलीफोन एक्सचेंज, अस्पताल आदि शासकीय कार्यालयों के पास शोरगुल नहीं किया जा सकता। इन संस्थाओं से 200 मीटर की रेंज में लाउड स्पीकर या डीजे का शोर नहीं किए जाने की बात कोलाहल अधिनियम कहता है। लेकिन ये नियम केवल कागजों में है।
बिना रजिस्ट्रेशन, बिना परमिशन बजते हैं डीजे
नगर में अधिकांश डीजे संचालकों का रजिस्ट्रेशन नहीं है। इसकी जांच में जिम्मेदारों की कोई रुचि नहीं है। इसके अलावा बिना परमिशन के भी डीजे साउंड का उपयोग किया जा रहा है। मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक तेज संगीत नहीं बजाया जा सकता। कोलाहल फैलने से रोकने के लिए लाउड स्पीकर को लकड़ी के बॉक्स में बंद करना जरूरी है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर छह माह का कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। शादी हॉल का पंजीयन होना जरूरी है। रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में डीजे नहीं बजाया जा सकता।
रतलाम में तो आज कल कॉलोनियों में शादी व् भजन कीर्तन, पार्टिया होने लगी है जिसमे लाऊड साउंड बजते है वो भी सिर्फ 10 बजे तक नहीं, समय 12 बजे से ऊपर तक हो जाता है | बिना पेर्मिशन लोग ये कर्यक्रम कॉलोनियों में करते है !
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हो रहा है सख्त पालन
शादी का मौसम है और इस दौरान एमपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी आयोजित होने वाली हैं इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, भोपाल कलेक्टर ने छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि अब शादी समारोहों में रात के समय डीजे बजाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रात 10 बजे के बाद डीजे बजाना सख्त तौर पर प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे मामलों में जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों को औवक निरीक्षण करने ओर चालानी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए है।
एमपी बोर्ड के एग्जाम 2025 से शुरू होंगे 27 फरवरी 2025 से 10वीं कक्षा की परीक्षाएं, और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 25 फरवरी 2025 से शुरू होंगी। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं की डेट शीट के अनुसार, कक्षा 10 और 12 की परीक्षाएं 15 फरवरी 2025 से शुरू होंगी। कक्षा 10 की परीक्षाएं 18 मार्च 2025 तक बलेंगी, जबकि कक्षा 12 की परीक्षाएं 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित की जाएंगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, फरवरी 2025 में शादियों के लिए करीब आत शुभ मुहूर्त होंगे, और मार्च में भी विवाह के मुहूर्त उपलब्ध होंगे।
अलग-अलग स्तर पर शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं ही रही है !
कोर्ट के स्पष्ट निर्देश है कि रात में 10 बजे के बाद कोई भी तेज आवाज वाले यंत्र नहीं बजेगें। इस आदेश का पालन पुलिस और प्रशासन के अधिकारी चुनाव के दौरान तो बहुत अच्छे से करवाते हैं, लेकिन इसके बाद यह आदेश का पालन कितना हो रहा है ये रतलाम के लोग देख रहे है। वहीं मैरिज गार्डनों एवं अन्य कार्यक्रम स्थलों में देर रात तक हाई डेसिबल में डीजे के साउंड से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उसके बाद भी शहर में डीजे के आवाज पर कोई प्रतिबंध दिखता नजर नहीं आ रहा है ! तेज आवाज में डीजे बजाना , शोर करना करना पब्लिक न्यूसेंस मानकर क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, थाना प्रभारी द्वारा कार्रवाई की जाती है। इसमें जुर्माना कर जेल भी भेजा जा सकता है, लेकिन कार्रवाई तो दूर शिकायत करने पर मौके पर पुलिस पहुंचती नहीं है |
इन क्षेत्रों में सर्वाधिक परेशानी
पटरी पार क्षेत्र में अलकापुरी, राजबाग, नयागाव, अष्टविनायक, राधिका रेसीडेंसी, ऋषभ रेसीडेंसी , 80 फिट रोड, बरबड़ रोड, अंजनीधाम, गंगासागर और पुराने शहर में हरमाला रोड़, न्यू रोड , आनंद कॉलोनी, बाजना रोड़, सागोद रोड़, लकड़पीठा क्षेत्र ज़्यादा प्रभावित है |
डीजे की तेज आवाज कितनी खतरनाक
तेज म्यूजिक और ज्यादा समय तक तेज शोर में रहने की वजह से 12 से 35 साल की उम्र वाले करीब 100 करोड़ लोगों की सुनने की क्षमता कम होने का खतरा है| तेज शोर से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं| सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, तय लिमिट से ज्यादा बढ़ता डेसिबल लेवल होने पर सुनने की क्षमता तो प्रभावित हो ही सकती है, इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है| झुंझलाहट और चिड़चिड़ापन की नहीं दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं |
तेज साउंड से किन बीमारियों का खतरा – बहरापन, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ाहट, तेज सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, याददाश्त कमजोर होना, ब्रेन हैमरेज, किसी चीज पर फोकस न कर पाना, हार्ट अटैक का खतरा |
देर रात तक बजने वाले डीजे से परेशान लोग सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी को बता रहे है। मेडिकल कॉलेज के मरीज तक ने रील डाली थी की वो तेज़ आवाज़ से कितने परेशान है | उम्मीद हे विद्यार्थियो और बुजुर्गो की समस्या को देखते हुए रतलाम प्रशासन इसको गंभीरता से लेगा !
इस संदर्भ में सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई थी और जिम्मेदार थाने के साहब और उनके अनुयायियों ने यह कहकर अथवा आश्वासन देकर सीएम हेल्पलाइन को विलोपित करवा दिया था कि हमने संबंधितों को नोटिस जारी कर कर जुर्माने की कार्रवाई शुरू कर दी है परंतु कोई परिणाम नहीं निकला अब पुनः सीएम हेल्पलाइन की गई है। यह हेल्पलाइन कितनी कारगर होती है यह भी देखना होगा।