
(www.csnn24.com) रतलाम टमाटर के बाद अब प्याज ने आम आदमी को रुलाने के लिए अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है। और यह वही प्याज है जो अपने दामों के साथ-साथ सरकार को भी पलट चुका है। अनियंत्रित टमाटर के दाम बढ़ाने के पश्चात आम जनता में पहले से ही बहुत आक्रोश था और ऐसे समय जबकि चुनाव बहुत नजदीक है अब प्याज महंगाई के उच्च स्तर तक जा रहा है।
और इसी प्याज ने सरकार को चिंता में डाल दिया है जिसके चलते सरकार ने इसके बढ़ते हुए दामों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर 40 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगा दी है।
सरकार के इस निर्णय से किसान काफी नाखुश नजर आ रहे हैं और अब उन्होंने आंदोलन की राह अपना ली है। इसी के चलते आज रतलाम कृषि उपज मंडी सैलाना मंडी में किसानों के द्वारा उग्र प्रदर्शन करते हुए मंडी गेट पर ताला जड़ दिया गया तथा प्याज की नीलामी रुकवा दी गई। किसानों का कहना है कि वह सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे तथा प्याज की नीलामी नहीं होने देंगे इसके अलावा भी अन्य आंदोलन के तरीके अपनाए जाएंगे। सरकार के इस निर्णय पर कांग्रेस को भी एक मुद्दा मिल गया है तथा वह फिलहाल किसानों को घोषित रूप से समर्थन कर रही है तथा उनके नेता प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि लंबे समय से किसान प्याज के दामों को लेकर आर्थिक तंगी झेल रहा था तथा उसको लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं हो रहा था। अभी किसानों को लागत मूल्य मिलना शुरू हुआ था और उसको आज जगी थी कि इस बार प्याज की खेती लाभ का धंधा बनेगी परंतु सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय किसान अपने विरोध में बताते हैं तथा उनका कहना है कि इस निर्णय से प्याज के दामों में और तेजी से गिरावट आएगी तथा उनका लागत मूल्य भी नहीं मिल पाएगा। आज किसानों ने रतलाम कृषि उपज मंडी तथा सैलाना मंडी में तालाबंदी कर कर उग्र आंदोलन करें तथा जमकर नारेबाजी कारी एवं अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करी है। उल्लेखनीय है कि विगत कुछ महीनों से टमाटर के दाम आसमान को छू रहे हैं तथा उनकी कीमत ₹200 प्रति किलो से भी ज्यादा रही है और अब प्याज के बढ़ते दामों ने आम जनता को परेशानी में खड़ा कर दिया और निश्चित ही उनके घर का बजट एक बार फिर बिगड़ेगा। चुनाव नजदीक होने के कारण सत्ता भक्त और सरकार नहीं चाहती कि बढ़ती महंगाई के दौड़ में एक बार पुनः प्याज सरकार को रूल और उसको खतरे में डालें इसलिए सरकार के द्वारा निर्यात पर 40% एक्साइज ड्यूटी लगाई गई है अब यह सरकार के गले की घंटी बन रही है क्योंकि किसान सरकार के विरोध में उतर आया है। अब देखना होगा कि सरकार यू टर्न लेती है अथवा इस समस्या का हल निदान कैसे करती है।