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यह कलेक्टर साहब जरा हटके हैं….. अनाथ बच्चों के बने सहारा मानवता की मिसाल….
अनाथो के नाथ बने पूर्व कलेक्टर संजय कुमार... चार निराश्रित बच्चों को मिला नया घर... पूर्व और वर्तमान कलेक्टर ने कराया गृह प्रवेश.... प्रशासन की पहल पर प्रतिष्ठित व्यवसायी ने कराया घर का निर्माण...

Publish Date: May 20, 2025
(www.csnn24.com) जुगल किशोर शर्मा श्योपुर.. मानवता, संवेदनशीलता और गम्भीरता, ये कोई शब्द नहीं बल्की भावनाऐं हैं, जो बरबस ही यदा कदा देखने को मिलती हैं, जिसकी बानगी श्योपुर में उस समय देखने को मिली, जब पूर्व कलेक्टर संजय कुमार एक अल्प प्रवास पर श्योपुर पहंुचे और उन्होंने रायपुरा में 4 निराश्रित बच्चों को उनके नए घर में प्रवेश कराया, यह कोई पीएम आवास नहीं बल्कि शहर के समाजसेवी और प्रतिष्ठित व्यवसायी कुंजबिहारी सर्राफ द्वारा निर्मित आवास था, जो उन्होंने पूर्व कलेक्टर संजय कुमार की प्रेरणा से बनाकर बिन मां बाप के 4 निराश्रित बच्चों को दान किया हैं। इस मौके पर पं. श्यामबाबू शुक्ला द्वारा अखंड रामायण पाठ, हवन पूजन किया गया एवं कन्या भोज के साथ समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से पूर्व कलेक्टर संजय कुमार सहित वर्तमान कलेक्टर अर्पित वर्मा, दानदाता कुंजबिहारी सर्राफ एवं मददगार अधिकारी मौजूद रहे।

हम आपको बताना चाहेंगे कि यह सफर दो साल पहले शुरू हुआ था, जब श्योपुर कलेक्टर के रूप में संजय कुमार पदस्थ थे, जो जनसुनवाई कर रहे थे कि तभी 13 साल की मासूम तनु पारिक अपनी दो छोटी बहन और एक 5 साल के भाई के साथ जनसुनवाई में एक आवेदन लेकर पहंुची और उसने आंखो में आंसू के साथ अपनी व्यथा सुनाई कि जयपुर में रहने वाले पिता ने तीन साल पहले मां और उनको छोड दिया था, तब से वह मां स्व. श्रीमती पूजा पारिक के साथ जयपुर में ही थी, लेकिन तीन महीने पहले उसकी मां की बीमारी से मृत्यु हो गई और वे अपनी मौसी के यहां रायपुरा आ गई, उनका पालन पोषण करने वाला कोई नहीं हैं, लेकिन मौसी उनका ख्याल रखती हैं लेकिन अपने दो छोटी बहन और भाई के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी, क्योंकि मौसी की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं, इस कहानी को सुनकर जनसुनवाई में कलेक्टर ही नहीं बल्कि जनसुनवाई में मौजूद हर अधिकारी की आंखे नम हो गई। कलेक्टर संजय कुमार ने तत्समय निराश्रित 4 बच्चों को कहा कि अब तुम्हे चिंता करने की जरूरत नहीं हैं, तुम्हारा लालन-पालन ही नहीं बल्कि रहने का इंतजाम भी किया जायेगा, और तत्काल महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से स्पोंशरशिप योजना में चारो बच्चों का पंजीयन कराया गया वहीं मौसी का नाम बीपीएल राशन कार्ड में जोड़ा गया, वहीं रायपुरा में 900 वर्गफीट का पट्टा भी दिया। जिस पर मकान बनाकर निराश्रित बच्चों को दान कर दिया गया है। इस अवसर पर एसडीएम बीएस श्रीवास्तव, एसडीओपी राजीव गुप्ता, महिला बाल विकास अधिकारी ओपी पाण्डेय, सहायक संचालक रिशु सुमन, माईनिग इस्पेक्टर अभिषेक पटले, अशोक सर्राफ, सतीश समाधिया, अंकुर शर्मा, मंयक गोयल, गिरीश गुप्ता, पवन गर्ग सहित अन्य समाजसेवी एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहें।

कलेक्टर अर्पित वर्मा भी हुए भावुक
वर्तमान कलेक्टर अर्पित वर्मा भी इस महत्वपूर्ण पल के साक्षी बने, जिन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भावुक पोस्ट लिखी कि संवेदनशील प्रशासन की मिसाल, जब एक मासूम की गुहार ने बदल दी चार जिंदगियाँ, आज श्योपुर के ग्राम रायपुरा में एक ऐसा क्षण सजीव हुआ, जो केवल ईंट-पत्थर का घर नहीं, बल्कि संवेदना, संकल्प और सहयोग से गढ़ी गई आशा की छत था। पूर्व कलेक्टर संजय कुमार द्वारा आरंभ की गई इस मानवीय पहल को आगे बढ़ाते हुए, मुझे सौभाग्य मिला कि मैं आज चार निराश्रित बच्चों के गृह प्रवेश का सहभागी बना। इन बच्चों की सबसे बड़ी बहन तनू पारिक, मात्र 13 वर्ष की उम्र में, जनसुनवाई में अपने भाई-बहनों के साथ पहुंची थी, आँखों में आंसू और दिल में उम्मीद थी। जब उन्होंने बताया कि माता-पिता अब नहीं रहे, पढ़ाई छूट गई, और जीवन बेसहारा है, तो प्रशासन ने केवल सुना नहीं, बल्कि कदम बढ़ाया। आज रामायण पाठ, कन्या भोजन और मंगलकामनाओं के साथ इन बच्चों ने अपने सपनों के आश्रय में पहला कदम रखा। यह घर केवल ईंट और सीमेंट का नहीं, बल्कि प्रशासन की करुणा, समाज की सहभागिता और बच्चों के विश्वास की नींव पर बना है। हमारा प्रयास है- कोई भी बच्चा जीवन की दौड़ में पीछे न रहे, सिर्फ इसलिए कि उसके पास सहारा नहीं है।

पूर्व कलेक्टर को देखकर बच्चे हुए खुश, लगे गले
ब्लाॅक काॅलोनी में लाभान्वित बच्चों से मिलने पंहुचे पूर्व कलेक्टर
पूर्व कलेक्टर संजय कुमार ने अपने कार्यकाल में श्योपुर में ऐसे अनेको दिल जीतने वाले कार्य किये, जिनको लेकर आज भी कई लाभान्वित परिवार और बच्चे उन्हें अपना मसीहा मानते हैं, उनमें से एक है ब्लाॅक काॅलोनी में रहने वाले दो बच्चे, जिनके घर सोमवार को शाम 4 बजे पूर्व कलेक्टरर संजय कुमार पहंुचे, जिन्हें पेतृक सम्पत्ति में से हिस्सा दिलाकर पूर्व कलेक्टर ने उनके भविष्य को संवारने की नींव डाली थी, तो वहीं स्पोंसरशिप योजना के माध्यम से उनके लालन-पालन और पढ़ाई की व्यवस्था की थी।
दरअसल श्योपुर निवासी स्व.श्रीमति सीमा गौड और स्व. सूरज गौड की मृत्यु के उपरांत उनके दो बच्चे नाना-नानी के पास रहते थे, जो तत्कालीन कलेक्टर संजय कुमार के पास जनसुनवाई में पहंुचे थे और पेतृक सम्पत्ति दिलाने सहित आवास की समस्या से अवगत कराया था, इस मामले में पूर्व कलेक्टर संजय कुमार ने वास्तुस्थिति को देखते हुए दोनो बच्चों के चाचा को बच्चों को उनका हिस्सा देने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे, जिसके बाद दोनो बच्चों को करीब 35 लाख रूपये कीमती सम्पत्ति और घर मिला और दोनो बच्चे आज बेहतर जीवन जी रहे हैं, जिनसे मिलने के लिए पूर्व कलेक्टर संजय कुमार पहुच गये, इस अवसर पर एसडीएम बीएस श्रीवास्तव, महिला बाल विकास अधिकारी ओपी पाण्डेय, सहायक संचालक रिशु सुमन आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर अर्पित वर्मा द्वारा बच्चों के नाना-नानी को उनकी भूमि एवं संपत्ति के नामांतरण के संबंध में आ रही समस्याओं को दूर करने के निर्देश एसडीएम बीएस श्रीवास्तव को दिये।