झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से बच्ची की मौत… बच्ची के शव को क्लीनिक में छोड़कर भागा डॉक्टर… मैडम को क्यों आया गुस्सा…
चिकित्सा प्रशासन बेटा आंखें मूंदकर.... कल क्षेत्रीय प्रशासन करेगा औपचारिकता पूर्ण.... क्लीनिक में भारी मात्रा में मिली एलोपैथिक दवाइयां कोई रोक-टोक नहीं... धड़ल्ले से चल रहा है इलाज का अवैध कारोबार.... बड़े-बड़े लोगों का संरक्षण जानकारी सूत्रों से....

(www.csnn24.com) रतलाम जिले के ग्राम रावटी में एक बार फिर एक झोलाछाप डॉक्टर ने 7 वर्षीय मासूम बच्ची की गलत इलाज के चलते जान ले ली। मृतक पक्षी को उसके परिजन इलाज के लिए डॉक्टर अजय सिंह चौहान के क्लीनिक पर लाए थे। किसके पक्ष परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर के द्वारा कुछ इलाज करने के पश्चात बच्ची की मौत हो गई तथा डॉक्टर क्लीनिक छोड़कर एवं बच्ची को वहीं पर मृत अवस्था में छोड़कर भाग गया। किसके पास साथ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं संपूर्ण प्रशासनिक हमला मौके पर पहुंचा तथा औपचारिक रूप से कार्रवाई करते हुए वहां पर निरीक्षण किया इस दौरान वहां पर भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां ग्लूकोज की बोतले एवं अन्य दवाइयां भी पाई गई। अब क्लिनिक को सील कर कर फिर करवाई जा रही है। यदि सूत्रों की माने तो अब प्रशासनिक अमला कल से कुछ डॉक्टरों की चेकिंग एवं उनके खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रहा है ताकि ऊपरी स्तर पर बताया जा सके कि यह लोग झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सक्रिय हैं। यदि सूत्रों की माने तो अंदर खाने की खबर तो यह है कि पूरे जिले की चिकित्सा व्यवस्था संभालने वाले एवं क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था संभालने वाले डॉक्टर का तर्क यह है कि हमें राज्य शासन स्तर पर इन पर कोई कार्रवाई करने के आदेश नहीं है इसलिए यदि कोई घटना दुर्घटना होती है अथवा कोई शिकायत करता है तो ही कार्रवाई की जाएगी।
पूरे मामले के अनुसार:- बच्ची का नाम अरुणा पिता नाथूलाल डामर बताया जा रहा है। तथा वह रावटी के गुंडीपाड़ा की निवासी थी। बच्ची की मौत के बाद डॉक्टर वहां से फरार हो गया। सूचना मिलने पर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर दीपक मेहता, पटवारी एवं तहसीलदार आदि पहुंचे क्लीनिक की तलाशी लेने पर वहां पर भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां पाई गई। प्रशासनिक अमले के द्वारा क्लीनिक को सील कर कर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए रतलाम मेडिकल कॉलेज भेजा गया है तथा डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जा रही है।
यदि सूत्रों की माने तो रतलाम जिले में वर्तमान में लगभग 400 से 500 बंगाली डॉक्टर बाहर से आकर अपना कारोबार चल रहे हैं और उनके द्वारा लाखों करोड़ों की संपत्ति बना ली गई है…. पुलिस के द्वारा रतलाम के बंगाली कारीगर जो सोना चांदी व्यापारियों का काम करते हैं उनका वेरिफिकेशन तो कर लिया गया है परंतु बंगाली डॉक्टर पर अभी भी कोई कार्रवाई या वेरिफिकेशन जैसी जानकारी सामने नहीं आ रही है. .. बताया जाता है कि उसके पीछे एक बड़े भाजपा नेता का हाथ है जो इनका सरगना है…. तथा उसकी पहुंच ऊपर तक है उसी के संरक्षण में रतलाम जिले के बंगाली फल फूल रहे हैं और इलाज कर रहे हैं…