www.csnn24.com| रतलाम के बड़बड़ रोड़ पर, साक्षी फ्यूल के आगे स्पीड ब्रेकर आमजन की परेशानी बन चुके है | हालत ये है कि स्पीड ब्रेकर से होकर वाहन निकालते समय यदि चालक द्वारा जरा-सी भी चूक या असावधानी बरती जाती है तो गाड़ी का निचला हिस्सा (जमीन) स्पीड ब्रेकर से रगड़ा रहा है या फिर लोगो के वाहन एक दूसरे से टकरा रहे है और फ़स रहे है | इससे वाहनों में टूट-फूट हो रही है और लोगो को भी चोट आ रही है | इस स्पीड ब्रेकर को 15 से 20 दिन पहले ऊंचा किया गया है जबकि ये कई सालों से सुविधाजनक था, ऊंचा भी इस कदर किया गया है की उसपर मोटा माल डाला गया है जिसे चिकना भी नहीं किया गया !
जब से बना है तब से फ़स रहे वाहन
जब से इसे ऊंचा किया गया है तब से इसमें आमजन के वाहन फ़स रहे है , विशेष कर उन लोगो के जो इसके आगे कॉलोनीज में रहते है और उनकी आवाजाही का मुख्य व् एकमात्र मार्ग यही है | राजबाग कॉलोनी, अष्टविनायक कॉलोनी, लालबाग, राधिका, ऋषभ रेसीडेंसी, अंजनी धाम, गंगासागर आदि मुख्य कॉलोनी के लोग ज़्यादा परेशान हो रहे है | यहीं नहीं छोटे के आलावा कुछ बड़े वाहन का पहिया तक इनमे फ़स रहा है जिससे ट्रैफिक जाम भी हो रहा है | गिरने व् टकराने की वजह से विशेषकर बुजुर्ग, महिलाएँ और स्कूली छात्र-छात्राएँ घायल हाे रहे हैं, लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं है। प्रेग्नेंट महिला व डिसेबल व्यक्तियों को भी यहां से निकलते वक्त असुविधा हो रही है |
आमजन की इसे सुविधाजनक स्पीड ब्रेकर बनाने और संकेतक लगाने की मांग
लोगों का कहना है कि शहर में बेतरतीब ढंग से ऐसे बने स्पीड-ब्रेकरों को हटाया जाना चाहिए और उनके स्थान पर नियमों के तहत ही इनका फिर से पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। नगर निगम एवं ट्रैफिक पुलिस की मानें तो किसी भी सड़क निर्माण के दौरान यदि स्पीड-ब्रेकर बनाया जाता है तो पहले यह मामला यातायात सुरक्षा समिति के पास जाना चाहिए। वहाँ से अनुमोदन मिलने के उपरांत ही निश्चित मापदंड के अनुरूप ब्रेकर बनवाए जाने चाहिए। ऐसे बेढंगे और नियमों के विपरीत बने स्पीड-ब्रेकर गंभीर और बड़े हादसों का कारण बन सकते है । रतलाम के मुख्य मार्गों पर ही नहीं बल्कि कॉलोनियों की सड़कों तक में ऐसे बेढंगे स्पीड-ब्रेकर बने हुए हैं जिससे लोग आये दिन गिरते है , चोट लगती है या टकराकर कुत्तों तक को कुचल जाते है ! लेकिन वर्तमान में जहाँ भी सड़कें बनती हैं वहाँ पर कुछ लोग दबावपूर्वक जहाँ-तहाँ मनमाने स्पीड-ब्रेकर बनवा लेते हैं जो कि जानलेवा साबित होते हैं।
तीन इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए ऊँचाई
कुछ स्थानों पर बने बेहद ऊँचाई वाले स्पीड-ब्रेकर के कारण सर्वाइकल स्पाेंडिलाेसिस जैसे खतरनाक रोग भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहे हैं। इसके बावजूद संबंधित जिम्मेदार गुणवत्तापूर्ण गति अवरोधक बनवाने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं।इतना ही नहीं अधिकांश ब्रेकरों में सफेद-पीली पट्टी का भी पेंट नहीं किया जाता है और कई ब्रेकर तो मानकों से भी अधिक ऊँचे बने हुए हैं। जानकारों के अनुसार किसी भी सड़क पर जब स्पीड-ब्रेकर बनाया जाता है तब कुछ विशेष नियमों का पालन भी करना जरूरी होता है। संबंधित गाइडलाइन के अनुसार किसी भी स्पीड-ब्रेकर की ऊँचाई 3 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही दोनों ओर 2 मीटर के स्लोप होने भी जरूरी हैं। किसी भी जगह पर महज मनमानी ऊँचाई का ब्रेकर नहीं बनाया जा सकता और यदि ब्रेकर में स्लोप होता है तो गाड़ियों के टायर आराम से चढ़ एवं उतर सकते हैं। ऐसा होने से कार की बॉडी ब्रेकर से नहीं टकराती और स्पीड-ब्रेकर पर मार्किंग भी जरूरी होती है ताकि दूर से ही यह मालूम हो सके कि आगे ब्रेकर बना हुआ है। अफ़सोस इन नियमों का पालन कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। उम्मीद है की कोई बड़ा हादसा होने से पहले संबंधित जिम्मेदार इस विषय में ध्यान देंगे !