अद्भुत खगोलीय घटना
चंन्द्रमा के साथ शुक्र एवं शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यन्त पास दिखाई देंगे।
सोमवार, 23 जनवरी की शाम को पश्चिमी आकाश में अद्भुत खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। इस दौरान आसमान में चन्द्रमा, शुक्र और शनि की युति से सभी ग्रह कतारबद्ध रूप से नजर आएंगे। यह नज़ारा सूर्यास्त के पश्चात से लेकर चन्द्रमा के अस्त होने के पूर्व की डेढ़ घंटे की अवधि में देखा जा सकेगा। इस दिन सूर्यास्त 6 बजकर 3 मिनट पर होगा और चंद्रमा शाम 7.54 पर अस्त होगा। अतः इस बीच लगभग डेढ़ घंटे की अवधि तक यह नज़ारा देखा जा सकेगा।
इस खगोलीय घटना के बारे में शासकीय जीवाजी वैधशाला उज्जैन के अधीक्षक राजेन्द्र प्रकाश गुप्ता ने रविवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि उक्त खगोलीय घटना माघ मास, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, 23 जनवरी को सायं काल में सूर्यास्त होने के बाद देखी जा सकेगी। चूंकि सूर्यास्त ओर चंद्रमा के अस्त होने की अवधि में लगभग डेढ़ घंटे का अंतर है अतः चंद्रमा के अस्त होने के पूर्व तक इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस घटना को खगोलीय भाषा में चंद्रमा, शुक्र एवं शनि की युति कहा गया है। सायन गणना के अनुसार चंद्रमा कुंभ राशि में 27 अंश 2 कला पर होगा एवं उसकी कांति 16 अंश 59 कला दक्षिण होगी।
वहीं, शुक्र ग्रह कुंभ राशि में 25 अंश 13 कला पर होगा और उसकी कांति 14 अंश 29 कला दक्षिण होगी। साथ ही शनि ग्रह भी कुंभ राशि में 24 अंश 50 कला पर होगा और उसकी कांति 14 अंश 25 कला दक्षिण होगी। इस प्रकार देखा जा सकता है कि चंन्द्रमा के साथ शुक्र एवं शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यन्त पास दिखाई देंगे। यह युति सायंकाल सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में नजर आएगी। उज्जैन में सायं काल 6 बजकर 8 मिनट पर सूर्यास्त के बाद से ही यह नज़ारा द्रष्टि गोचर होने लगेगा, जब हसिये के आकार का चंद्रमा दिखाई देगा, चंद्रमा के ठीक नीचे थोड़ा दक्षिण की ओर लट्टू के समान चमकता हुआ शुक्र ग्रह दिखाई देगा, तथा शुक्र ग्रह के ठीक नीचे एवं अपेक्षा कृत कम चमकता हुआ शनि ग्रह देखा जा सकेगा। इस दिन चंद्रमा सायं काल 7 बजकर 54 मिनट पर अस्त हो रहा है, अतः यह नज़ारा सूर्यास्त के बाद लगभग 1 घंटा 30 मिनट की अवधि तक देखा जा सकेगा।
इस अद्भुत खगोलिय घटना को देखने हेतु किसी दूरबीन जैसे कि टेलिस्कोप आदि किसी साधन की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि आसपास दिखाई देने की स्थिति में भी खगोलीय पिंड टेलिस्कोप के दृश्य क्षेत्र से दूर रहते हैं। ऐसी स्थिति में अपने घर के ही खुले स्थान से इस घटना को अच्छी तरह से देखा जा सकता है।
इस अद्भूत खगोलीय घटना को स्वयं भी देखे और बच्चों को भी दिखाये
निवेदक :- पंडित जय किरण शर्मा
स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिष एवं वास्तुविद
7566686018