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विश्व पर्यावरण दिवस…. प्रधानमंत्री सिंदूर का पौधा लगा रहे…. पूरा देश पर्यावरण दिवस मना रहा नेता मंत्री समाजसेवी, सब…. और रतलाम निगम अध्यक्षा के वार्ड में पेड़ कट रहे….

नहीं जाग रहे रतलाम के जिम्मेदार.....

Publish Date: June 5, 2025

रतलाम पूरा देश आज विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है तो वहीं रतलाम में अभी भी विकास के नाम पर हरियाली का विनाश जारी है। आज रतलाम में प्रशासनिक हम लोग सहित हर छोटे बड़े नेता देश,प्रदेश स्तर पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री समाजसेवी पर्यावरण प्रेमी सभी पौधारोपण कर रहे हैं। और पर्यावरण बचाने का संदेश दे रहे हैं।

तो वही आज के दिन भी रतलाम में विकास के नाम पर हरे-भरे बड़े-बड़े वृक्ष काट दिए गए। और सबसे बड़ी बात यह है कि यह वार्ड निगम अध्यक्षा मनीषा मनोज शर्मा का है।

 

यह सिलसिला रतलाम में विगत दो से तीन वर्षों से लगातार जारी है और सैकड़ो पेड़ों की बलि दी जा चुकी है। इन पेड़ों पर बसेरा करने वाले सैकड़ो जीव अपने प्राण दे चुके हैं। और इसका जमकर पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा विरोध भी किया जाता रहा है आज भी कस्तूरबा नगर में सड़क निर्माण के नाम पर हरे-भरे पेड़ों को जब काटा जा रहा था तो कुछ पर्यावरण मित्रों के द्वारा शक्तियों पर स्लोगन लिखकर मौन रूप से इसका विरोध किया गया। परंतु रतलाम में नगर निगम प्रशासन एवं जिला प्रशासन सदैव आंखें मूंदा रहता है। सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है कि यदि कोई विकसित हरा भरा पेड़ काटा जाए तो उससे कई गुना ज्यादा पौधारोपण किया जाना चाहिए एवं उनकी सुरक्षा का भी ध्यान तब तक रखना अनिवार्य है जब तक कि वह पेड़ का रूप नहीं ले ले। बहुत से मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने 100 गुना पेड़ लगाने के आदेश भी दिए हैं तथा लाखों का जुर्माना भी किया है। इस संदर्भ में जब जिम्मेदारों से जानकारी लेना चाहिए तो मनोज शर्मा का कहना था कि वह अभी मीटिंग में है तथा रोड निर्माण का काम PWD कर रहा है और जब वहां पर संपर्क कर तो जिम्मेदार का कहना था कि मैं रतलाम में नहीं हूं बाहर हूं।

यदि हरे भरे पेड़ अवैध रूप से काटे जाते हैं तो सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप कर सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने ताज ट्रेपेजियम ज़ोन में पेड़ों की कटाई के मामले में एक व्यक्ति पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना किसी इंसान की हत्या से भी बदतर है. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से काटे गए प्रत्येक पेड़ के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और पेड़ों की कटाई को मानव हत्या से भी बदतर बताया. 

भारत में वृक्षों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण नियम तय किए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख नियम हैं:

वृक्षों की कटाई पर नियम
1. *पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986*: सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के तहत वृक्षों की कटाई पर रोक लगाने के लिए कई आदेश दिए हैं।
2. *वृक्षों की कटाई की अनुमति*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वृक्षों की कटाई के लिए अनुमति लेना आवश्यक है, और इसके लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति लेनी होती है।
3. *वृक्षों की कटाई के लिए मुआवजा*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वृक्षों की कटाई के लिए मुआवजा देना आवश्यक है, जो कि वृक्षों की आयु, प्रजाति और अन्य कारकों पर निर्भर करता है।
4. *वृक्षों की कटाई के लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वृक्षों की कटाई के लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन करना आवश्यक है, जो कि वृक्षों की कटाई के पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करता है।
5. *वृक्षों की कटाई के लिए सार्वजनिक सुनवाई*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वृक्षों की कटाई के लिए सार्वजनिक सुनवाई करना आवश्यक है, जो कि स्थानीय लोगों और अन्य हितधारकों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण मामले
1. *टी.एन. गोडावर्मन थिरुमलपाद बनाम भारत संघ*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वृक्षों की कटाई के लिए अनुमति लेना आवश्यक है, और इसके लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति लेनी होती है।
2. *एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वृक्षों की कटाई के लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन करना आवश्यक है, जो कि वृक्षों की कटाई के पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करता है।

इन नियमों और मामलों के माध्यम से, सुप्रीम कोर्ट ने वृक्षों की कटाई पर नियंत्रण रखने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख फैसले हैं:

महत्वपूर्ण फैसले
1. *ओले मोहम्मद बनाम राज्य ऑफ आंध्र प्रदेश (2000)*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है, और इसके लिए राज्य को आवश्यक कदम उठाने होंगे।
2. *एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ (1987)*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण की रक्षा करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है, और इसके लिए नागरिकों को आवश्यक कदम उठाने होंगे।
3. *टी.एन. गोडावर्मन थिरुमलपाद बनाम भारत संघ (1997)*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है, और इसके लिए राज्य को आवश्यक कदम उठाने होंगे।
4. *वृंदावन विकास परिषद बनाम भारत संघ (2018)*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यमुना नदी की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है, और इसके लिए राज्य को आवश्यक कदम उठाने होंगे।
5. *मैक्सिम गॉर्स्की बनाम भारत संघ (2019)*: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, और इसके लिए राज्य को आवश्यक कदम उठाने होंगे।

पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई निर्देश दिए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निर्देश हैं:

1. *पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन करना आवश्यक है, जो कि परियोजनाओं के पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करता है।
2. *सार्वजनिक सुनवाई*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक सुनवाई करना आवश्यक है, जो कि स्थानीय लोगों और अन्य हितधारकों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
3. *पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, जिनमें प्रदूषण नियंत्रण, वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की रक्षा करना शामिल है।
4. *पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदारी*: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदारी राज्य और नागरिकों की है, और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।

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Amit Nigam

Founder Director Head of CSNN 24 & Bureau chief SWARAJ EXPRESS MP/CG Madhya Pradesh, AMV News network India. Accredited Journalist by Madhya Pradesh Government". (Adhimanya Patrakar).21 years of journalism experience...along with print media and electronic media.... 18 years experience in national and regional news channels ....Also have 7 yrs experience in medical field in international and national pharma compny's as MEDICAL REPRESENTATIVE.... M.SC LLB. MEMBER OF RATLAM BAR COUNCIL

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