पोन्नियन सेल्वन पर फिल्म देख ली, मिलिए राजा राजेन्द्र चोल से
तमिल राजा जिसने बंगाल की खाड़ी को भी झील बना दिया
बचपन से हम सभी इतिहास में यही पढ़ते हुए बड़े हुए हैं कि भारत पर एलेक्जैंडर ने हमला किया, उसके बाद हूण, शक, पहलव और कुषाण आए फिर शुरू हुआ मुस्लिम राजाओं का युग, और अंत में यूरोपीय शक्तियों का युग।
कभी आपने यह सुना है कि भारत में ऐसा भी कोई राजा हुआ है जिसने विदेशों तक अपना शासन स्थापित किया हो? जी हां, भारत के इतिहास में एक ऐसा योद्धा भी है, जिन्हें ‘भारत का सिकंदर’ कहा जा सकता है। उनका नाम है, चोल वंश के दूसरे शासक राजेंद्र चोल।
उनके शासनकाल में चोल साम्राज्य उत्तर में गंगा नदी के तट से दक्षिण में मालदीव तक और दक्षिण-पूर्व में मलय प्रायद्वीप, दक्षिणी थाईलैंड, सुमात्रा और जावा तक फैला था। दक्षिण-पूर्वी देशों जैसे कम्बोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया आदि में भारतीय संस्कृति का प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। इन देशों में कठपुतलियों से रामायण सुनाने की परंपरा हो, नाग और कुबेर की मूर्तियां हों या इंडोनेशिया की एयरलाइंस के नाम गरुड़ एयरलाइंस रखने जैसे कदमों में भारतीय संस्कृति की झलक देखी जा सकती है।
राजेंद्र चोल प्रथम का जन्म 11वीं शताब्दी ईसवीं में थंजावुर में राजराजेश्वर मंदिर बनाने के लिए प्रसिद्ध राजराजा प्रथम के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम थिरिपुवना महादेवी था और वे कोडंबलूर की राजकुमारी थी। राजेंद्र चोल के पिता राजराजा-प्रथम के जीवन पर ही मणिरत्नम ने हाल में फिल्म ‘पोन्नियन सेल्वन’ बनाई है।
अपने पिता की मृत्यु के बाद जब राजेंद्र प्रथम सिंहासन पर बैठे तो उन्हें विरासत में एक विशाल साम्राज्य मिला था जिसे उन्होंने अपने 33 वर्ष के शासनकाल में और बढ़ाया।
त्रिलोचन शिवाचार्य के ग्रन्थ ‘सिद्धांत सारावली’ के अनुसार राजेंद्र चोल स्वयं एक कवि थे और उन्होंने कई शिव स्तुतियों और भजनों की रचना की। उन्होंने शिक्षा के लिए विद्यालय की स्थापना की जहां वेद, व्याकरण और न्याय आदि का पठन-पाठन होता था, और इसमें 340 छात्र और 14 अध्यापक थे।राजेंद्र चोल का सम्पूर्ण जीवन सैन्य अभियानों और युद्ध करने में बीता जिसमें उन्हें सफलता भी हासिल हुई। उन्होंने पांड्यों, केरल और श्रीलंका पर पूर्ण विजय हासिल की। गंगा नदी तक विजय के पश्चात उन्होंने ‘गंगई कोंड’ की उपाधि धारण की, जबकि ‘कडारकोन्ड’ उपाधि उनके दक्षिण-पूर्वी एशिया के अभियानों का प्रतीक है।