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धार्मिक

विजयदशमी 18 अप्रैल 2024 को, मां दुर्गा मनुष्य सवारी पर प्रस्थान करेंगी

जवारे विसर्जन कब करें, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Publish Date: April 17, 2024

(www.csnn24.com) रतलाम इस बार चैत्र नवरात्रि 18 अप्रैल को, गुरुवार को विजयदशमी यानि चैत्र के दशहरा के साथ होगी | गुरुवार को मां दुर्गा का प्रस्थान वाहन मनुष्य होता है, जिससे सुख और शांति की वृद्धि होती है।

जवारे विसर्जन का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 17 अप्रैल बुधवार के दिन दोपहर 03 बजकर 18 अप्रैल से लेकर 18 अप्रैल गुरुवार को शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है, लेकिन दशमी तिथि का सूर्योदय 18 अप्रैल को होगा। इसलिए इसी दिन जवारे विसर्जन किए जाएंगे। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं।

  • शुभ मुहूर्त –  सुबह 10 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक है।
  • शुभ मुहूर्त – अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है।
  • शुभ मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजे तक है।
  • शुभ मुहूर्त – दोपहर 02 बजे से लेकर दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक है।

जवारे विसर्जन किस विधि से करें ?

  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। उसके बाद मुहूर्त के हिसाब से देवी मां की विधिवत पूजा करें।
  • सबसे पहले माता रानी को गंध, चावल, फूल आदि अर्पित करें और इस मंत्र को बोलें।
  • रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
  • पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
  • महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
  • आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।
  • माता रानी की पूजा करने के बाद जवारे की पूजा करें। चावल, फूल, कुमकुम आदि चढ़ाएं। इन जवारों को माथे पर रखकर माता के भजन करने के साथ नदी या तालाब तक लेकर जाएं।

विजयादशमी और दशहरा में क्या है अंतर ?

 

प्राचीन काल की मान्यताओं की मानें तो प्राचीन काल से अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयदशमी का उत्सव मनाया जा रहा है। तो वहीं जब श्री राम ने इसी दिन लंकापति रावण का वध कर दिया तो इस दिन को दशहरा के नाम से जाना जाने लगा। यानि इससे ये बात स्वष्ट होती है कि विजयदशमी का पर्व रावण के वध से पहले से मनाया जा रहा है।

धार्मिक मान्याताएं कि देवी दुर्गा ने इस दिन यानि विजयदशमी को माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। कथाओं के अनुसार महिषासुर रंभासुर का पुत्र था, जो अत्यंत शक्तिशाली था। जिसने कठोर तक करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और वरदान मांगा। ब्रह्मा जी ने प्रकट होकर उसे कहा- ‘हे वत्स! एक मृत्यु को छोड़कर, सबकुछ मांगों। जिसके बाद महिषासुर ने बहुत सोच विचार कर कहा- ‘ठीक है प्रभो। आप मुझे ये वरदान दें कि किसी देवता, असुर और मानव किसी से मेरी मृत्यु न हो। केवल स्त्री के हाथ से मेरी मृत्यु निश्चित हो। ब्रह्माजी ‘एवमस्तु’ कहकर अंतर्ध्यान हो गए। ब्रह्मा जी से ये वर प्राप्त करने के बाद महिषासुर ने तीनों लोकों पर अपना अधिकार जमा लिया और त्रिलोकाधिपति बन गया। उसके अत्याचारों से परेशान होकर तब सभी देवताओं ने देवी भगवती महाशक्ति की आराधना की।

कहा जाता है तब समस्त देवताओं के शरीर से एक दिव्य तेज निकलकर परम सुंदरी स्त्री प्रकट हुई थी।जिसके बाद हिमवान ने देवी भगवती को सवारी के लिए सिंह दिया, तथा अन्य सभी देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र महामाया की सेवा में प्रस्तुत किए। भगवती ने देवताओं पर प्रसन्न होकर उन्हें शीघ्र ही महिषासुर के भय से मुक्त करवाने का आश्वासन दिया। कथाओं के अनुसार देवी मां ने पूरे 9 दिन तक लगातार महिषासुर से युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया। मान्यता है कि इसी उपलक्ष्य में विजयादशमी का उत्सव मनाया जाता है। बता दें कथाओं में वर्णन मिलता है ति महिषासुर एक असुर अर्थात दैत्य था, राक्षस नहीं।

रामायण और महाभारत से भी संबंध

इसके अलावा विजयदशमी के दिन ही प्रभु श्रीराम और रावण का युद्ध कई दिनों तक चलने के बाद समाप्त हुआ था। श्री राम ने रावण का वध करके देवी सीता को उसके चंगुल से छुड़ाया था। जिसके उपलक्ष्य में दशहरे का पर्व मनाया जाता है। बता दें रावण का वध दशमी के दिन किया गया था, रावण एक राक्षस था, असुर नहीं था।

तो वहीं कुछ मान्यताएं ये भी हैं कि इसी दिन अर्जुन ने कौरव सेना के लाखों सैनिकों को मारकर कौरवों को पराजित किया था, जिसे अधर्म पर धर्म की जीत माना गया था।

आम तोर पर इसीलिए चैत्र नवरात्री की दशमी को महिषासुर वध की विजयदशमी के तोर पर मनाया जाता है और शारदीय नवरात्री की दशमी को रावण वध का दशहरा | दोनों नाम एक ही त्यौहार के हे केवल महत्व अलग है |

 

 

 

 

 

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Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

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