ये क्या हो रहा है ! जिंदा कुत्ते का मुंह और पैर बांध कर कूड़े में फेंका
रतलाम शहर में पशु क्रूरता का एक ओर मामला

रतलाम में स्ट्रीट डॉग और उनके बच्चों से हैवानियत के कई मामले इन दिनों सामने आ रहे हैं। जिसमें स्ट्रीट डॉग के साथ क्रूरता और मार कर फेंक देने जैसी घटनाएं सामने आई है। ये 13 मार्च 2023 , डोंगरे नगर का मामला है | जिंदा कुत्ते का मुंह और पैर बांध कर कूड़े में फेंका , जब लोगों देखा की उसकी आँखे खुली हे और सांस चल रही है तब मालूम पड़ा की वह जिन्दा है |
हाल ही में , ताजा मामला शहर के डोंगरे नगर क्षेत्र में सामने आया था । जहां कुत्ते के 8 बच्चों को मारकर कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया था । पशु प्रेमी आशा गुप्ता ने इस मामले को वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर उठाया । जिसके बाद पशु प्रेमियों ने इसकी शिकायत औद्योगिक क्षेत्र थाने पर भी की लेकिन आवेदन पर कार्यवाही करने की बजाय थाना परिसर से ही स्ट्रीट डॉग के छोटे-छोटे बच्चों को लोडिंग वाहन में भरवा कर अज्ञात स्थान पर छुड़वा दिया गया। बेजुबान पशुओं पर हिंसा करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने वाले पशु प्रेमियों की टीम ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की है।
शहर में डिस्ट्रिक्ट डॉग की संख्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में कई लोग इन बेजुबान जानवरों के साथ क्रूरता भी कर रहे हैं। कई लोग कुत्तों के बच्चों को बोरे में भरकर छोड़ आते हैं। वहीं, कई लोग इन बर्बरता पूर्वक इनकी हत्या भी कर रहे हैं।शहर के पशु प्रेमी शंभू चौधरी ने बताया कि दीनदयाल नगर, डोंगरे नगर और गंगासागर कॉलोनी में भी स्ट्रीट डॉग और उनके बच्चों के साथ क्रूरता किए जाने की घटनाएं लगातार हुई है। इस मामले में शिकायत किए जाने पर अब तक कोई भी कार्रवाई पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की ओर से की गई है। डोंगरे नगर की घटना सामने आने के बाद जीव दया से जुड़े लोगों ने पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
राजबाग रहवासी प्रकृति व पशू प्रेमी अमिय कुमार निगम व उनके परिवार का भी यही कहना हे की यदि ऐसे मामले लगातर होते रहे तो जानवर की हिंसा भी बढ़ेगी | इन्हे भी न्याय मिलना चाहिए | वे और उनका परिवार गाय , कुत्तो की खूब सेवा करते है , पिछले तीन वर्ष में उन्होंने एक स्ट्रीट डॉग फॅमिली की इस कदर सेवा की हे की उसकी 6 जनरेशन का जन्म उनके सामने हुआ है और उस कुत्ती की 2 पीढ़ी जिन्दा है | उन्होंने बताया की उनकी कॉलोनी में भी ऐसे मामले होते हे जिसके कारन उस कुत्ती के भी कई बच्चे मानव हिंसा का शिकार हुए है | कई बार समझाने के बावजूद उनके कुत्तों को डंडो और पथर से लोग मारते हे, छोटे छोटे पिल्लू को तेज़ स्पीड गाड़ियों ने रोंदा है, गार्डन में ज़हर तक डलवाकर इन्हे मारा गया था | इस कारण उन्होंने कैमरे से साबुत भी रखना शुरू कर दिए है और AWBI से कॉलोनी एनिमल केयरटेकर कार्ड भी बनवा लिया है ताकि उनका ये पशु की सेवा का काम लीगल हो जाये | उन्होंने खुद एक सोशल मीडिया वेलफेयर ग्रुप -@the.saviour.swarm भी बनाया है इस कारण ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग अवेयर हो और स्ट्रीट एनिमल के प्रति इंसानियत दिखाए | अभी हाल ही में 1 महीने पहले उनकी कुत्ती की बच्ची के 7 बच्चो को धीमा ज़हर देकर मारा गया , पशु डॉक्टर से इसकी पुष्टि हुई थी | वे इनकी देखभाल में कोई कमी नहीं रखते ,बारिश, धुप ,सर्दी हो या तबियत ख़राब हो वे तुरंत इनका इलाज कराते है , आसपास के लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर इनकी सेवा करते है तो व्ही कुछ लोग चिढ़ते भी है | कारण ये हे की ये भोंकते है , पर भोंकने पर इन्हे मरना ये कहा का न्याय है ? भोंकना तो उनकी भाषा है , यदि आप उनसे प्रेम से पुचकार के दुलार करो तो वे आपसे दोस्ती क्र लेते है अगली बार फिर नहीं भोंकते पर लोग ये समझते नहीं है !
ये कहना गलत नहीं हे की आज कल पशु प्रेमी और उनके प्रयास में कमी नहीं हे किन्तु उनका साथ कानून भी दे तो ऐसे हैवानों को सख्त सज़ा मिले ! आज कल सोशल मीडिया व न्यूज़ में कुत्ते के ख़िलाफ़ कई खबरें जोरों शोरों से दिखाई जाती है परन्तु इन खबरों का क्या जिसमे सिर्फ कुत्ते ही नहीं दूसरे पशु के साथ भी क्रूरता की जाती है !?