राम नवमी क्यों मनाई जाती है, जाने इसका महत्व
इस बार राम नवमी का पर्व 30 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा
राम नवमी पर पुनर्वसु नक्षत्र में श्रीराम का जन्म हुआ था। श्रीराम के जन्म समय के दौरान ग्रहों की स्थिति बहुत शुभ थी। इस दिन पांच ग्रह – सूर्य, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि अपनी उच्च राशि में स्थित थे। इन ग्रहों के शुभ प्रभाव से त्रेता युग में राजा दशरथ के यहां भगवान विष्णु के अवतार यानी मर्यादा पुरुषोत्तम के रुप में ज्ञानी, तेजस्वी और पराक्रमी पुत्र का जन्म हुआ।इस बार राम नवमी का पर्व 30 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा। ऐसे में हम आज आपको राम नवमी की व्रत कथा के बारे में बताएंगे। इस दिन सुबह 11.11 से दोपहर 1.40 तक श्रीराम की पूजा शुभ मुहूर्त है |
किसने किया श्रीराम का नामकरण
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम का अवतार त्रेता युग में हुअ था। अयोध्या के राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया और यज्ञ से प्राप्त खीर की। दशरथ ने अपनी प्रिय पत्नी कौशल्या को दे दिया। कौशल्या ने उसमें से आधा हिस्सा कैकेयी को दिया इसके बाद दोनों ने अपने हिस्से से आधा-आधा खीर तीसरी पत्नी सुमित्रा को दे दिया। इस खीर के सेवन से चैत्र शुक्ल नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र एवं कर्क लग्न में माता कौशल्या की कोख से भगवान श्री राम का जन्म हुअा। इसी तरह कैकेयी से भरत तो सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।
माता कौशल्या की कोख से नील वर्ण, तेजस्वी, परम कान्तिवान, अति सुंदर बालक ने जन्म लिया.रघुवंशियों के गुरु महर्षि वशिष्ठ इस सुंदर बालक का नाम रामचंद्र रखा गया| वशिष्ठ के अनुसार राम शब्द दो बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना है| इसके उच्चारण से शरीर और आत्मा को शक्ति मिलती है |राजा दशरथ के चारों पुत्र को वशिष्ट ऋषि ने नाम दिया था|
राम नवमी की पूजा विधि
रामनवमी पर सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाया जाता है। इसके बाद पूरे दिन नियम और संयम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम का व्रत किया जाता है। इसके साथ ही राम दरबार यानी भगवान श्रीराम के सहित लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की पूजा और आरती की जाती है। राम जन्मोत्सव की खुशी पर ब्राह्मणों और अन्य लोगों को भोजन करवाया जाता है और प्रसाद बांटते हैं। इस दिन रामचरित मानस का पाठ करवाया जाता है। मान्यता है कि राम नवमी के दिन उपवास रखने से सुख समृद्धि आती है और पाप और बुराइयों का नाश होता है। श्रीरामजी को केसर युक्त खीर और पूरे घर के भोजन के साथ कलाकंद पसंद हैं।भगवान श्रीराम और माता सीता को सभी प्रकार के फूल पसंद हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार उन्हें कोई भी फूल अर्पित कर सकते हैं।
ये कथा पढ़ने से भगवान राम की मिलेगी कृपा