डॉ. जीवन चैहान के निलंबन पर स्थगन… जीवांश हॉस्पिटल में इलाज पर रोक एवं लगाई गई सील भी हटी….
रतलामः- 22 नवंबर को सिविल सर्जन डॉ. एम. एस. सागर के साथ हुई मारपीट के बाद सिविल सर्जन श्री सागर के द्वारा कलेक्टर से मुलाकात कर डॉ. जीवन चौहान को निलंबित करने के प्रस्ताव पर संयुक्त संचालक, शिकायत स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल के द्वारा दिनांक 23-11-2024 को आदेश जारी कर डॉ. जीवन चौहान को निलंबित कर बुरहानपुर अटेच किया गया था। डॉ. जीवन चौहान के द्वारा उक्त निलंबन आदेश को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर निलंबन आदेश दुर्भावनापुर्ण होकर सेवा नियमों के विपरीत जारी किये जाने के आधार पर निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई।
डॉ. जीवन चौहान के अभिभाषक प्रवीण कुमार भट्ट एडवोकेट ने बताया कि डॉ. जीवन चौहान की याचिका में न्यायमुर्ति सुबोध अभ्यंकर के द्वारा शासन को 01 सप्ताह में जवाब दिये जाने के आदेश के उपरांत शासन की ओर से निलंबन आदेश की नोटशीट प्रस्तुत किये जाने पर प्रथम दृष्टया निलंबन आदेश सक्षम अधिकारी के द्वारा नहीं जारी किया होना प्रतित होने से निलंबन आदेश को डॉ. जीवन चौहान की याचिका क्रमांक 37353/2024 के निराकरण तक स्थगित किये जाने के आदेश दिये गये। जिसके परिपालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रतलाम के द्वारा डॉ. जीवन चौहान को जिला चिकित्सालय, रतलाम में कर्तव्य पर उपस्थित करा दिया गया है।
प्रकरण में डॉ. जीवन चौहान की ओर से सफल पैरवी प्रवीण कुमार भट्ट एडवोकेट के द्वारा की गई।
जीवांश हॉस्पिटल पर लगी सील हटाई गई…. इलाज करने से रोक भी हटी…..
रतलाम दिनांक 22-12-2024 को सिविल सर्जन डॉ. एम.एस.सागर के साथ हुई मारपीट के बाद सिविल सर्जन डॉ.एम.एस.सागर के द्वारा जिलाधीश रतलाम से मुलाकात किये जाने के उपरांत जिलाधीश के द्वारा दिये गये आदेश से अनुविभागीय अधिकारी रतलाम अनिल भाना के द्वारा जीयांश अस्पताल का रात्री 09:00 बजे निरीक्षण कर उसी समय आधे घण्टे की अवधि में निरीक्षण व सील करने की कार्यवाही पूर्ण कर दी गई एवं जीवांश अस्पताल पर ताला लगाकर भर्ती मरीजों को जिला चिकित्सालय में शिफ्ट कर दिया गया।
जीवांश अस्पताल के अभिभाषक प्रवीण कुमार भट्ट ने बताया कि सिविल सर्जन से मारपीट की घटना के बाद जीवांश अस्पताल में आनन फानन में नियमों को अनदेखा कर रात्री 09:00 बजे मिडियाकर्मीयों के साथ की गई निरीक्षण की कार्यवाही एवं सील करने की कार्यवाही निरूपित करते हुए तत्काल जीवांश अस्पताल की सील खोलने व अस्पताल संचालन की अनुमति दिये जाने बाबत् सहायता हेतु जीवांश अस्पताल की ओर से म.प्र. उच्च न्यायालय, इंदौर के समक्ष याचिका क्रमांक 37363/2024 प्रस्तुत की गई। जीवांश अस्पताल की याचिका में न्यायमुर्ति प्रणय वर्मा, के द्वारा शासन को जवाब प्रस्तुत करने के 03 अवसर दिये गये। दिनांक 19-12-2024 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा अस्पताल की चाबी ले जाने का आदेश देकर अस्पताल प्रबंधन को 30 दिन में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया परंतु 03 सप्ताह तक जवाब हेतु अवसर दिये जाने के उपरांत भी जवाब प्रस्तुत नहीं करने एवं सुनवाई के समय संक्षिप्त जवाब भी रिकार्ड पर नहीं होने के बाद दिनांक 20-12-2024 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रतलाम की उपस्थिति में आदेश पारित कर जीवांश अस्पताल का तत्काल ताला खोलने का आदेश देते हुए जीवांश अस्पताल को अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान किये जाने का अंतरिम आदेश पारित किया गया।
उल्लेखनीय है कि शासन के द्वारा स्वयं के व माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश के बावजुद जीवांश अस्पताल की चाबीयां एवं दस्तावेज अस्पताल का संचालन किये जाने के लिये दस्तावेज वापस नहीं किये गये है, जबकि उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त होते ही प्रस्तुत कर दी गई है।
प्रकरण में जीवांश अस्पताल की ओर से सफल पैरवी प्रवीण कुमार भट्ट एडवोकेट के द्वारा की गई।