खबरों की खबर- यहां पर सब कुछ बिकता है, सब कुछ चलता है। कौन है गुलाम-ए-मुस्तफा।
एक पत्तलकार और जजमान और जजमान

(www.csnn24.com )खबरों की खबर में आपका स्वागत है:-(CHIEF EDITOR SHEEMOM NIGAM)
बिकने के लिए तो सब कुछ बिक जाता है परंतु एक नया अचंभा सामने आया है अब सरकारी बगीचे भी बिकने लगे हैं। सुना है कि नगर सरकार के सामने अहिंसा के पुजारी गांधीजी का बगीचा सर्वोपरि बोली में एक नंबर पर आया और इससे सरकारी तंत्र ने बेच दिया है। हालांकि कोई दिक्कत नहीं रतलाम के प्रथम नागरिक बगीचों के सरंक्षण के लिए कटिबद्ध है। और विपक्ष के और जिले के और शहर के पंजा छाप इस बगीचे को मूक सहमति से विरोध कर कर बेचने❌ माफी ठिकाने को ठिकाने पर लगाने के लिए पर आमदा है। सोना जो बरस रहा है?
गोल्ड पार्क बहुत ही अच्छा नाम है सोना बरस रहा है। इस जगह की यदि बात करें तो यह जगह एक अलग इतिहास रखती है साइंस एवं आर्ट्स कॉलेज के अलावा यहां से सारी राजनीतिक गतिविधियां संचालित होती रही है इसके अलावा अन्य अवैधानिक गतिविधियां भी यहां से संचालित होती रही है अंकगणित वाली अथवा जोकर के खेल वाली और यहां से बहुत से बड़े-बड़े नेता निकलकर शहर में आए हैं और वही नेता गुलाम-ए-मुस्तफा बन गए इसलिए उनका विरोध नजर नहीं आता। खैर छोड़िए हमें क्या करना गुलाम-ए-मुस्तफा ने पहले भी नुकसान पहुंचाया था पंजे को और पंजा फिर इस गुलाम-ए-मुस्तफा की हरकतों के कारण निश्चित रूप से हाशिए पर जाएगा। हमने मुहावरे का उपयोग सिर्फ सांकेतिक रूप से करा है हमारा उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं है इसे अन्यथा नहीं लें??
पिछले दिनों एक वरिष्ठ भाजपा के नेता रतलाम में आए और उन्होंने रतलाम में भाजपा के एक्सपायरी डेट वाले नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाया उसका परिणाम वर्तमान में सभी के सामने हैं। हम नहीं सुधरेंगे। कुछ आवाज वाला संदेश वायरल हुआ है।
रतलाम के विकास के लिए एक नए अवतार का प्रादुर्भाव हुआ है। इनके के नाम से बहुत सारे लोगों में मातम व्याप्त हो गया है। और इसी मातम के चलते श्रीमान जी की कोई दूरभाष पर की गई बातें सार्वजनिक हो रही है। वैसे भी रतलाम विकास के नाम पर शापित है और श्रीमान जी की कुंडली जिस प्रकार का निकल कर सामने आई है ऐसा लगता है कि एक के साथ एक का विकेट गिर जाएगा। कृपया अन्यथा ना लें श्रीमान जी विकेट बचाने में महारत रखते हैं। और दोनों ने बैटिंग शुरू कर दी है और अपने अपने विकेट बचा लेंगे, सुना है कुछ बात अप्सराओं की हो रही थी।
पिछले दिनों एक मसला सामने आया था एक व्यक्ति जिसका स्टेटस है मुझे रिस्क से इश्क है। उसने एक पुलिस अधिकारी को अपने तरीके से चुनौती दी थी । सुनने में आया कि उसके सामने सभी ने सरेंडर कर कर उसकी मांगे मांग ली है। इस संदर्भ में हम बहुत कुछ बोल सकते हैं परंतु बोलेंगे नहीं।क्योंकि हम बोलेंगे तो लोग बोलेंगे कि हम बोलते हैं ।फिर हमें मालूम है कौन कितने पानी में है। और कौन-कौन चाखन खा रहा है। इसलिए तो एक आदमी इन खाने वालों को चमका रहा है…. और कहने के लिए यह एक पत्तलकार है जिसकी पत्तल के सामने सभी नतमस्तक होकर अपना अपना हिस्सा प्रसाद स्वरूप ग्रहण रहे हैं.. वैसे भी रतलाम में यजमान और जजमान सर्वोपरि होते हैं?
हमारा उद्देश्य सिर्फ खबरों को रोचक रूप में प्रस्तुत करना है । हम किसी भी प्रकार से से किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं।