ब्रेकिंग
3 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स एवं डोडाचूरा बरामद... मुंबई से लेने आए थे आरोपी... नहीं सुनाई देगी श्याम की सिटी की आवाज... इस बार पालकी पर पधार रहीं मां दुर्गा, चरणायुद्ध पर होगी विदाई सर्वपितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक साथ ! फिर कब होगा पितरों का श्राद्ध ? साई श्री अकैडमी प्रशासन ने करा सील.... परिजनों का आक्रोश... यदि आपका बच्चा भी इस स्कूल में जाता है तो हो जाइए सावधान.... मासूम के साथ नाबालिक ने करी अन्यायी हरक... डी.पी.वायर्स के संचालक अरविंद कटारिया और मैनेजर विजय सोनी के विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर, श्रम न्य... राॅयल इंस्टीट्युट में विश्व फार्मेसी दिवस मनाया गया..... भोपाल की बैठक में रतलाम के सी.एम.राईज स्कूल की उपलब्धि पर करतलध्वनि से स्वागत.... जिले में विकास कार्यों को तेज़ी से पूरा करने पर दें जोर, समय-सीमा का सख्ती से हो पालन - प्रभारी मंत्र...
धार्मिक

नरक चतुर्दशी 2023 : जानें यम दीपक जलाने का सही समय, मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी के पर्व का बहुत खास महत्व होता है

Publish Date: November 12, 2023

 (www.csnn24.com) | हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी के पर्व का बहुत खास महत्व होता है। इसे छोटी दिवाली, रूप चौदस, नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा नरका पूजा के नामों से भी जाना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है। रूप चौदस के दिन संध्या के समय दीपक जलाए जाते हैं और चारों ओर रोशनी की जाती है। नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है। हर साल यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। यानी यह पर्व दिवाली के एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद आता है। लेकिन इस बार नरक चतुर्दशी की सही तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

चतुर्दशी 2023 तिथि

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी के लिए प्रदोष काल 11 नवंबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए छोटी दिवाली 11 नवंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में जो लोग मां काली, हनुमान जी और यम देवता की पूजा करते हैं वे 11 नवंबर को नरक चतुर्थी यानी छोटी दिवाली का पर्व मनाएंगे।

वहीं नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के दिन रूप निखारा जाता है, जिसके लिए प्रात: काल यानी सूर्योदय से पूर्व स्नान की परंपरा है। इसलिए उदया तिथि को देखते हुए कुछ लोग नरक चतुर्दशी 11, 12 नवंबर को मानाएंगे।

नरक चतुर्दशी 2023 पर यम दीपक जलाने का समय

नरक चतुर्दशी पर प्रदोष काल में यम दीपक जलाई जाती है, इसलिए 11 नवंबर को यम दीपक जलाई जाएगी। इस दिन शाम को 05 बजकर 32 मिनट से सूर्यास्त होगा, उसके साथ ही प्रदोष काल शुरू हो जाएगा। ऐसे में आप शाम  05 बजकर 32 मिनट से यम का दीपक जला सकते हैं।

अभ्यंग स्नान का समय  

अभ्यंग स्नान के लिए उदया तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है नरक चतुर्दशी की उदया तिथि 12 नवंबर को प्राप्त हो रही है। इस दिन अभ्यंग स्नान का समय सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक है। नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय के पूर्व शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने की प्रक्रिया को अभ्यंग स्नान कहा जाता है।

काली चौदस 2023 की पूजा का मुहूर्त

नरक चतुर्दशी पर मां काली की पूजा रात में करते हैं। काली चौदस की पूजा का समय 11 नवंबर को है। इस दिन पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक है।

हनुमान पूजा 2023 मुहूर्त

नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की भी पूजा करने की परंपरा है। इस साल नरक चतुर्दशी पर हनुमान पूजा 11 नवंबर को रात में होगी। हनुमान पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक है।

 

नरक चतुर्दशी 2023 की पूजा विधि

 

  • नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लें।
  • नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु जी के वामन रूप की विशेष पूजा की जाती है।
  • घर के ईशान कोण में इन सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित करके विधि पूर्वक पूजन करें।
  • देवताओं के सामने धूप दीप जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और मंत्रों का जाप करें।

नरक चतुर्दशी से जुड़ी मान्यता

नरक चतुर्दशी के दिन यम देवता का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति के लिए किया जाता है। वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का बध किया था। साथ ही इस दिन उबटन लगाकर स्नान किया जाता है, इसलिए इसे रूप चौदस भी कहा जाता है।

नरक चतुर्दशी के उपाय

 

  • नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के नाम से दीपक जलाएं और इसे दक्षिण दिशा में रखें।
  • मान्यता है कि यम के नाम का यह दीपक जलाने से पाप नष्ट होते हैं।
  • दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा में दीपक जलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
  • साथ ही नरक चतुर्दशी के दिन अपने घर के बाहर भी कम से कम 5 या 7 दीपक जलाएं।

 

 

Show More

Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Don`t copy text!