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मोदी – बाइडेन का ऐतिहासिक मिलन एवं योग का अद्भुत संयोग – श्री विष्णु दत्त शर्मा…

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कलम से...

Publish Date: June 20, 2023

(www.csnn24.com)भोपाल/रतलाम यूं तो अनादिकाल से ही योग भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है। किसी भी धार्मिक अथवा आध्यात्मिक साधना की सिद्धि से पूर्व योगाभ्यास द्वारा शरीर को साधने का कार्य योग द्वारा किया जाता है। महर्षि पतंजलि सहित अनेक योग शास्त्रियों ने योग के सरलीकरण का महनीय कार्य किया, ताकि आम जन मानस के लिए योग सुलभ हो सके। वर्तमान कालखण्ड में भारत के गौरव की यश-पताका को निरन्तर विश्व में लहराने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस भारतीय ज्ञान-मनीषा को समूची दुनिया में लोकप्रिय एवं नवीन पहचान दिलाने का कार्य किया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आज पूरा विश्व योग के साथ ही भारत के वैभव और निरंतर प्रगति की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहा है। कोरोना रूपी विभीषिका में प्रधानमंत्री जी एवं भारत की निर्णायक भूमिका ने तो पूरे विश्व को सम्मोहित कर दिया। निराशा और अवसाद से भरे विश्व के लिए योग एवं आयुर्वेद रामबाण औषधि बनकर उभरे। यह सिद्ध हो गया कि अथाह ज्ञान एवं विज्ञान के गूढ़तम रहस्यों से भरा हिन्दू धर्म दर्शन दुनिया की सबसे सम्पन्न एवं समृद्ध परम्परा का वाहक है। यही कारण है कि लगभग 5000 वर्ष पुराने योग की प्रासंगिकता मोदी जी के सदप्रयासों के परिणामस्वरुप रोजमर्रा के करणीय कार्यों की भांति ही बढ़ गई है। सोचिए दूरद्रष्टा प्रधानमंत्री जी के अभिनव प्रयासों के द्वारा योग एवं आयुर्वेद के साथ-साथ भारतीय प्राचीन विज्ञान के नवीनीकरण की असंख्य संभावनाएं जागी हैं। कितने रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। भारत का प्रभाव कितना बढ़ा है। ये सभी तथ्य प्रासंगिक एवं चर्चा का केंद्र हो सकते हैं।

पतंजलि दर्शन के अनुसार, योगः चित्त वृत्ति निरोधः’ अर्थात- चित्त की वृत्तियों का निग्रह  ही योग कहलाता है। प्राय: विद्वान इसके अर्थ एवं भूमिका को ‘जाकी रही भावना जैसी’ के अनुरूप देखते रहे हैं। अगर योग के शाब्दिक अर्थ कि बात करें तो योग संस्कृत भाषा के ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना। इसके आध्यात्मिक दर्शन के पक्ष पर जाने से पता चलता है कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम ही योग है।
प्राय: वैदिक परम्परा के अनेक विद्वान हमारे द्वारा किए जा रहे योग की क्रियाओं को सम्पूर्ण योग न मानते हुए इसे अंश मात्र मानते हैं। अनुलोम-विलोम एवं किये जाने वाले कुछ शारीरिक अभ्यास से परे भी योग का एक व्यापक क्षेत्र है। उनके अनुसार योग के माध्यम से तमाम शारीरिक एवं आध्यात्मिक क्रियाओं द्वारा मन और मस्तिष्क को नियंत्रित करके व्यक्ति ईश्वरीय तत्व को प्राप्त कर सकता है। साथ ही ऐसा करने वाले के लिए कुछ भी असाध्य नहीं बचता। वह जितेन्द्रिय एवं समाधि की उच्च अवस्था को भी प्राप्त कर लेता है।
कला और विज्ञान के अद्वितीय समावेश, योग की लोकप्रियता का यह उत्कर्ष कालखण्ड है। यही कारण है कि 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा गया। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन बताया जाता है जिसका दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विशेष महत्व है। इसीलिए दूरदर्शी प्रधानमंत्री जी ने योग दिवस के लिए 21 जून की तिथि का चयन किया। केवल 75 दिनों के छोटे से कालखण्ड में ही 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रस्ताव 69/131 के माध्यम से  21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की।
इस पूरे घटनाचक्र के बीच 193 सदस्य देशों में से 177 देशों ने ना केवल इस प्रस्ताव का समर्थन किया, अपितु इसे सह-प्रायोजित भी किया। 2015 से शुरू हुआ योग दिवस रूपी उत्सव अपने 9वें सोपान तक पहुंचते-पहुंचते भव्य महोत्सव के रूप में आकार ले चुका है। जहां 180 से अधिक देश मोदी जी की अगुवाई में एक साथ योग करेंगे। समूचे देश के लिए गौरव की अनुभूति इसलिए भी विशेष है क्योंकि भारतीय वैदिक परम्परा के अद्वितीय सामर्थ्य, योग को प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों द्वारा भारत ही नहीं विश्व के अनेक देशों में घर-घर तक पहुंचाया जा चुका है। ये कहना भी अनुचित नहीं होगा कि योग नियमित दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है।
आज भारत समूचे विश्व में एक महान लोकतंत्र एवं आधुनिक शक्ति के रूप में तेजी से उभर कर सामने आया है, जो न्याय, विश्व शान्ति, सद्भाव, परस्पर सहयोग, पर्यावरण सन्तुलन एवं समग्र विकास हेतु अपने उत्तरदायित्वों के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ सतत रूप से कार्य कर रहा है। लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी की नीतियों एवं राजनैतिक सूझ-बूझ का ही नतीजा है कि स्वयं को सुपर पॉवर मानने वाला अमेरिका आज भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत में पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत करने हेतु लालायित है। वैश्विक स्तर पर तेजी से बदले समीकरणों के कारण स्वयं अमेरिका अपने हितों की रक्षा हेतु भारत के सन्मुख आशान्वित नज़रों से देख रहा है।
भारत-अमेरिका सहयोग की दिशा में इस यात्रा का महत्व वर्तमान समय में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जिसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 1997 के बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का अमेरिका का यह पहला आधिकारिक द्विपक्षीय दौरा होगा। देश को इस यात्रा से अनेकों उम्मीदें हैं। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एवं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण नेताओं एवं विभिन्न औद्योगिक कम्पनियों के सीईओ से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे। इस वैचारिक मेल-मिलाप के माध्यम से विभिन्न व्यापारिक सौदों एवं सामरिक हित के आवश्यक विषयों पर भी विचार-विमर्श किया जाना है। यह हम सभी देशवासियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। क्योंकि पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री दूसरी बार अमेरिकी संसद को संबोधित करेगा।
प्रधानमंत्री जी की अमेरिकी यात्रा के दौरान विश्व की दो महत्वपूर्ण शक्तियों का मिलन, दोनों देशों के अतिरिक्त अनेक समस्याओं से ग्रस्त विश्व के लिए भी उम्मीद की किरण जैसा  है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कालखंड में पूरे विश्व को भारत से अनेक आशाएं हैं। भारत इन सभी समस्याओं के समाधान करने हेतु सक्षम और समर्थ भी है। इस योग दिवस के सुअवसर पर यह कामना करते हैं कि विभिन्न आपदाओं से घिरे हुए विश्व की विभिन्न समस्याओं का समाधान इस योग दिवस के दुर्लभ संयोग में प्राप्त हो और योग के माध्यम से हम सभी आरोग्य एवं सम्पन्नता को प्राप्त करें।
वर्तमान समय अनेक चुनौतियों से निपटने का है। ऐसे अवसर पर हम सभी राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में सतत संलग्न मॉ भारती के सच्चे उपासक मोदी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें, ताकि विश्वगुरु भारत का यश व सम्मान सदैव अक्षुण्ण बना रहे।

लेखक-   भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद है।

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Sheemon Nigam

Chief Editor csnn24.com Artist by Passion, Journalist by Profession. MD of Devanshe Enterprises, Video Editor of Youtube Channel @buaa_ka_kitchen and Founder of @the.saviour.swarm. Freelance Zoophilist, Naturalist & Social Worker, Podcastor and Blogger. Experience as Anchor, Content creator and Editor in Media Industry. Member of AWBI & PFA India.

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