कानून एवं अपराधजनहित ख़बरेदेशनारीमध्यभारतरतलामराजनीतिवायरल टेस्ट
Sheemon Nigam
Follow on X
Send an email
मामा जी सुन लो पुकार.. लाडली बहना लगाए गुहार…
मामा जी अब क्या कहना.. जब पट्टो के लिए धक्के खा रही लाडली बहना..

279 2 minutes read

Publish Date: May 20, 2023
(www.csnn24.com)रतलाम प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान इन दिनों पूर्ण रूप से चुनावी मोड में नजर आ रहे हैं। लगातार उनके द्वारा लोकलुभावन वादे घोषणाएं की जा रही हैl पूर्व में मुख्यमंत्री के द्वारा एक घोषणा की गई थी कि यदि कोई भी गरीब निराश्रित व्यक्ति अथवा परिवार किसी सरकारी भूमि पर रह रहा है और उसके पास रहने को मकान नहीं है अथवा उसके परिवार में वृद्धि हो गई है तो जहां पर वह रहा है वहां पर उसे पट्टे दिए जाएंगेl और इसी के चलते रतलाम कलेक्ट्रेट में पट्टों की मांग को लेकर टैंकर रोड की महिलाएं तथा वहां के रहवासी बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे थे, तथा इन लोगों का कहना है कि उन्हें कलेक्टोरेट में प्रवेश नहीं दिया गया। जिसके पश्चात इन लोगों ने कलेक्ट्रेट के बाहर ही हाईवे पर जाम लगा दिया और और पट्टों की मांग करने लगेl इसके पश्चात जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम संजीव केशव पांडे तथा सीएसपी हेमंत सिंह चौहान स्टेशन रोड थाना प्रभारी किशोर पाटनवाला मौके पर पहुंचे तथा उन्होंने इस प्रदर्शन को अवैधानिक बताया ।ओर आंदोलनकारियों को प्रदर्शन खत्म करने की बात कहीl यहां तक तो सब कुछ ठीक-ठाक थाl परंतु इसके पश्चात बात नहीं बनने के दौरान प्रदर्शनकारियों को मौके से हटाने के लिए जिस प्रकार का व्यवहार एसडीएम संजीव केशव पांडे तथा पुलिस के द्वारा किया गया वह कतई भी शिवराज मामा की लाडली बहनों के लिए सम्मानजनक नहीं लगताl और बहनों के प्रति व्यवहार को लेकर जो दृश्य सामने आया वह कतई भी मामा जी के मंशा अनुसार नहीं था क्योंकि महिलाएं अपनी गोद में नन्ही मुन्नी बच्चियों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी । इनके साथ साथ पुरुष भी बच्चों को लेकर प्रदर्शन में शामिल थे। इस प्रदर्शन में बिना किसी महिला पुलिस की सहायता के पुलिसकर्मियों ने हाथ पकड़कर पकड़ कर धक्का-मुक्की कर कर वहां से महिलाओं तथा पुरुषों को हटाया गया। और शिवराज मामा की बहनों को प्रशासन की धक्का-मुक्की और बेअदबगी का शिकार होना पड़ा। और पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। और प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है कि यदि शिवराज मामा किसी प्रकार की घोषणा करते हैं तो उस घोषणा के इंप्लीमेंट के लिए जिला अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश क्यों नहीं देते जिसके चलते इस प्रकार की शर्मनाक घटना सामने नहीं आए।
तो वही पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि बिना किसी सूचना के लिए इस प्रकार का आंदोलन किया गया तथा आंदोलन कलेक्ट्रेट में ना करते हुए सड़क पर किया गया। जिसके चलते कुछ आंदोलनकारी महिलाओं एवं अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें एक और बात निकल कर सामने आ रही है कि चुनावी साल होने के कारण तथाकथित विपक्ष के कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से सक्रिय हो गए हैं, उन्होंने अपनी रोटियां सेकते हुए भोले वाले लोगों को पट्टे के नाम पर इस प्रकार के आंदोलन करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है। तथा उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है कि हम तुम्हें पट्टा दिला देंगे उसके पश्चात फिर तुम्हें हमें उपकृत करना पड़ेगा और कुछ लाभान्वित भी हो रहे हैं ।अब किस प्रकार से उपकृत करना पड़ेगा सभी समझ सकते है।( जानकारी विश्वसनीय सूत्रों से है हम इसकी पुष्टि नहीं करते) इस घटनाक्रम संदर्भ में किसी भी प्रकार का प्रशासनिक बयान जारी नहीं हुआ है।
और विपक्ष ने अब इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है। अब देखना है कि शिवराज मामा की मंशा के अनुसार इन आंदोलनकारियों को पट्टे मिलते हैं, अथवा फिर कोई अन्य बड़ी कार्रवाई सामने आती है। या फिर प्रशासन जांच करवाएगा की इस प्रकार के आंदोलन के पीछे किन लोगों का दिमाग चल रहा है।

279 2 minutes read