
(www.csnn24.com) शिमोन निगम
आइए बात करते हैं खबरों की खबर का ओर नक्कारखाने की तूती के अंदर तक की l हमारे इस कॉलम में हम हमेशा बात करेंगे खबरों की खबर का और निकालेंगे उस खबर का निचोड़।
एक फरमान आया था ,उस फरमान पर भी एक और फरमान आया,उस फरमान पर एक और फरमान जारी हुआ, और वह फरमान नाफरमान हो गयाl
जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के एक फरमान की जिसमें यह बताया गया था कि 16 एवं 17 मार्च को अन्न महोत्सव का आयोजन होगा ।आनन-फानन में तैयारियां हुई प्रेस नोट भी जारी हो गए परंतु यथार्थ की बात करें तो क्या कहना ,क्या आप जानना चाहेंगे इस खबर के अंदर की बात, अंदर की बात तो यह है कि आज रतलाम में किसी भी खाद्य वितरण केंद्र से किसी भी व्यक्ति को खाद्य प्रदार्थ (राशन केंद्र से वितरित होने वाली खाद्य सामग्री ) वितरण नहीं हुआ भले ही प्रदेश स्तर का मामला हो परंतु क्या करें *सर्वर* हमेशा आड़े आ जाता है आज भी *सर्वर* आड़े आ गया और कहीं पर भी सामान्य रूप से भी खाद्य सामग्री का वितरण नहीं हुआ क्योंकि बायोमेट्रिक मशीन नहीं चल पाई और महोत्सव संकट उत्सव बन गया। बात करे महोत्सव की तो आंकड़ों की तो आपूर्ति हो जाएगी। इस संदर्भ में जब जिले में गरीबों को आपूर्ति करने वाले साहब से पूछा तो उन्होंने बोला कि हमारे यहां नहीं प्रदेश स्तर पर समस्या है। की लो कर लो बात फिर उनसे पूछा कि साहब कुछ आंकड़े बता दीजिए आज क्या कार्यक्रम आयोजित करा साहब बोले की अभी आंकड़े बताना मुश्किल है देर से बताता हूं। सुन रहे हो शिवराज मामा जी? सुना है एक ओर अभियान चल रहा है कोई दूध आदि को लेकर सम्माननीय जाते *नमूने* जिन्हें सैंपल भी कहते हैं यह उन्हें लेते हैं और प्रेस नोट भी जारी करते हैं। परंतु सम्माननीय यह नहीं बता पाते कि पूरे साल में कितने लोगों से उन्होंने सैंपल लिए? कितने पास हुए ?कितने फेल हुए ?कितने समय में आए कितने समय में नहीं आए? वार्षिक रिपोर्ट किया है कुछ नहीं बस प्रेस नोट प्रेस नोट प्रेस नोट वैसे मध्यप्रदेश शासन ने प्रदेश में 2 मार्च से खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा नकली-मिलावटी दूध और उससे बने उत्पादों की रोकथाम के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है। तो क्यों नहीं इससे संबंधित विभाग वाले सुबह जल्दी उठकर किसी भी जगह पर आकस्मिक निरीक्षण करें और वहीं पर सैंपल का निरीक्षण अपने किट से कर ले परंतु शायद उनके पास कोई किट भी नहीं होगा क्योंकि उसे तो कीड़े खा गए होंगे…… वैसे नगर सरकार के आला दर्जे पर बैठे हुए अधिकारी भी अपने आप को सर्वोपरि मानते हैं , और यदि कोई उनसे किसी प्रकार की सूचना मांग ले तो शिक्षा देते हैं कि अपील कर दो। मिलते हैं अगली बार खबरों की खबर में। निरंतर लगातार हर बार..