एक नया इतिहास… भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान- 3 हुआ लॉन्च …
भारत ने रच दिया इतिहास...
(www.csnn24.com) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च किया। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च व्हीकल ‘एलवीएम 3’ से लॉन्च किया गया। चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना, , चंद्रमा पर रोवर उतारना और वहां वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देना है।
क्या हैं चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर की मुख्य विशेषताएं ?
भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को शुक्रवार को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। जिसके 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करने की संभावना है। चंद्रयान- 3 के लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ 1 लूनर डे (पृथ्वी के 14 दिन) है। चंद्रयान के लैंडर पर 3 पेलोड होंगे और रोवर सहित इसका कुल द्रव्यमान 1,749.86 किलोग्राम है।
चंद्रयान-2 के मुकाबले कितना अलग है इसरो का चंद्रयान- 3?
चंद्रयान- 3 लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल सहित लॉन्च हुआ जबकि चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर थे। चंद्रयान-2 से बेहतर डिज़ाइन वाले चंद्रयान-3 के लेंडर के पैर ज़्यादा मज़बूत हैं और उसमें ज़्यादा ईंधन है। खतरा भांपने की तकनीक से लैस लेंडर की बॉडी पर अतिरिक्त सोलर पैनल और चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान समन्वय के लिए कैमरे लगे हैं।