5 जून को ही क्यों मनाते हैं विश्व पर्यावरण दिवस, जानिए इतिहास, महत्व और थीम
सऊदी अरब साम्राज्य इस वर्ष के संस्करण का वैश्विक मेजबान है
www.csnn24.com| पर्यावरण का अर्थ संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश से है जिसमें हम रहते हैं। इसमें हमारे चारों ओर के सभी जीवित और निर्जीव तत्व शामिल होते हैं, जैसे कि हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, जानवर और अन्य जीव-जंतु। पर्यावरण के घटक परस्पर एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं | प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं।
पर्यावरण दिवस का इतिहास
पर्यावरण दिवस मनाने की नींव 1972 में पड़ी, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहला पर्यावरण दिवस मनाया है और हर साल इस दिन को मनाने का एलान किया। दरअसल, पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून 1972 को मनाया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था। स्वीडन की राजधानी स्टाॅकहोम में सम्मेलन हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर स्टाॅकहोम सम्मेलन के पहले दिन को चिन्हित करते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस के तौर पर नामित कर लिया।
पर्यावरण दिवस का महत्व
पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं। प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
पर्यावरण दिवस की थीम 2024
प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की एक खास थीम होती है। पिछले साल यानी विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम “Solutions to Plastic Pollution” थी। यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम “Land Restoration, Desertification And Drought Resilience” है। इस थीम का फोकस ‘हमारी भूमि’ नारे के तहत भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित है।