मां कालिका के दरबार में श्रद्धालुओं का ताता…
हिंदू नव वर्ष एवं गुड़ी पड़वा की धूम... वितरित हो रहा नीम मिश्री का शरबत
(www.csnn24.com) रतलाम आज से विक्रम संवत के नव वर्ष की शुरुआत हो चुकी है जिस हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिंदू नव वर्ष भी माना जाता है। इसके साथ-साथ ही चेत्र नवरात्र की भी शुरुआत आज से हो गई है। सुबह से ही भक्तों का ताता माता रानी के मंदिरों पर लग रहा है। रतलाम के सिद्ध एवं अति प्राचीन मां काली का मंदिर पर भी आज सुबह से ही भक्तों का ताता लग रहा है एवं भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए माता के दरबार में आराधना करने आ रहे हैं। रतलाम का कालिका माता मंदिर अति प्राचीन रियासत कालीन मंदिर माना जाता है और इसकी स्थापना रतलाम में रियासत की स्थापना के साथ हुई थी यहां पर मां कालिका के साथ मां चामुंडा एवं मां अन्नपूर्णा भी विराजती है। माता के तीन स्वरूपों का दर्शन यहां पर होता है सुबह बाल्यावस्था दोपहर युवा अवस्था एवं शाम को प्रौढ़ अवस्था में माता अपने दर्शन देती है। रतलाम में सभी कार्य माता रानी के दर्शन के दर्शन एवं आशीर्वाद के पश्चात शुरू होते हैं चाहे कोई नया नेता चुनाव लड़े अथवा चुनाव जीत जाए अथवा कोई अधिकारी रतलाम में पदस्थ होकर आए यह सभी सबसे पहले माता कालिका के दर पर पहुंचकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। माना जाता है की माता काली के आशीर्वाद से हर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है और माता रानी ही रतलाम की रक्षा करती हैं। हिंदू नव वर्ष की शुरुआत पर मराठी समाज के द्वारा भी विशेष प्रकार से त्योहार गुड़ी पड़वा मनाया जा रहा है तथा समाज के लोगों के द्वारा गुड़ी को सजा कर घर के द्वार पर सुख शांति समृद्धि की कामना से स्थापित किया जा रहा है तो वहीं पर पूरे वर्ष स्वास्थ्य की कामना करते हुए विभिन्न मंदिर एवं चौराहों ओर सामाजिक संस्थाओं के द्वारा नीम एवं मिश्री का शरबत नागरिकों को नववर्ष का स्वागत कर कर तिलक लगाकर पिलाया जा रहा है।