मनमर्जी की फीस… ग्वालियर के तीन स्कूल वापस करेंगे 16 लाख…
प्रदेश में लगातार निजी स्कूलों की मनमानी पर कार्रवाई...
(www.csnn24.com) ग्वालियर स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन सख्त होता हुआ नजर आ रहा है… स्कूलों के द्वारा पालकों से मनमानी फीस वसूल की जा रही है.. स्कूलों की इस मनमानी को लेकर पालको ने कई बार शिकायत भी की.. लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो पा रहा था..लेकिन अब मध्य प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव ने इस पर संज्ञान लिया और कड़े शब्दों में संबंधित सभी जिले के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं.. कि कोई भी स्कूल मनमानी तरीके से पालकों से फीस वसूल ना करें.. ऐसे स्कूलों की जांच की जाए जो पालकों से बढ़ी हुई फीस वसूल कर रहे हैं.. उन स्कूलों की जांच की जाए..
जांच में ग्वालियर के तीन स्कूलों पर गाजगिरी है.. वह स्कूल
सेंट जोसेफ, कार्मल कॉन्वेंट स्कूल और राम श्री स्कूल
16 लाख रुपए बढ़ी हुई फीस पालकों को वापस करने के निर्देश दिए हैं… और य़ह फीस 30 जून तक पालकों को वापस करनी होगी.. यदि स्कूल के द्वारा ऐसा नहीं किया गया ..तो उन पर 2 लाख से अधिक की पेनल्टी भी कलेक्टर के द्वारा लगाई जाएगी… स्कूलो की इस मनमानी को लेकर अब मध्य प्रदेश सरकार ने एक नया नियम पारित किया है जिसमें प्रदेश भर में संचालित सभी स्कूलों को चाहे वह किसी भी बोर्ड से मान्यता लिए हुए हैं.. सभी को अपनी फीस की पूरी जानकारी 8 जून तक पोर्टल पर देनी होगी..
जिसमें 3 साल की ऑडिट रिपोर्ट और फीस स्ट्रक्चर की पूरी जानकारी पोर्टल पर देनी होगी..
नए नियम के तहत यदि कोई स्कूल इस जानकारी को नहीं देता है तो उस पर पांच गुना जुर्माना होगा…
फीस दंड अधिनियम के तहत कलेक्टर ऐसे स्कूलों पर एक लाख से दो लाख तक का जुर्माना लगा सकते हैं.. और जिसको लेकर एक कमेटी गठित की गई है जिसमें अध्यक्ष खुद जिला कलेक्टर होंगे….
क्या है नियम..
स्कूलों को 3 साल की ऑडिट रिपोर्ट और फीस स्ट्रक्चर की जानकारी पोर्टल पर देना होगा
यदि कोई स्कूल 8 प्रतिशत फीस बढ़ाता है.. तो इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं है..
इससे अधिक फीस बढ़ाने पर स्कूल के द्वारा फीस बढ़ाने का कारण फीस स्ट्रक्चर 3 साल की ऑडिट रिपोर्ट
जिले की एक समिति बनाई जाएगी जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष और जिला शिक्षा अधिकारी सचिव रहेंगे..
यदि कोई स्कूल फीस की जानकारी छुपाता है तो उसे पर पांच गुना जुर्माना लग सकता है..
फीस बढ़ाने से 3 महीने पहले पलकों को इसकी सूचना देनी होगी..
समिति की बैठक में स्कूल को यह बताना पड़ेगा की किस कारण से बढ़ाई जा रही है.. यदि कलेक्टर उनके जवाब से संतुष्ट होंगे तो ही फीस बढ़ाई जा सकती है अन्यथा इस प्रस्ताव को कलेक्टर अमान्य कर सकते हैं…
अब स्कूल मनमाने तरीके से फलों से फीस नहीं वसूल सकते..