अनन्त चतुर्दशी 17 सितंबर को, इस विधि से करें भगवान विष्णु व गणेश जी की पूजा
इस दिन भगवान श्री गणेश का विसर्जन भी किया जाता है

www.csnn24.com| भाद्रपद महीने में अनंत चतुर्दशी पड़ती है। हिन्दू धर्म में अनंत चतुर्दशी का खास महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान श्री गणेश का विसर्जन भी किया जाता है। इस दिन कुछ श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। इस दिन भगवान विष्णु व गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन विश्वकर्मा पूजा भी पड़ रही है।
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त
भगवान विष्णुको अतिप्रिय अनंत चतुर्दशी का व्रत व पूजा एवं विश्वकर्मापूजा व गणपति विसर्जन भी मंगलवार को ही होगा। उन्होंने
बताया अनंत पूजा के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करना अति शुभ माना जाता है। अनंत की 14 गांठों को 14 लोकों का प्रतीक माना जाता है। दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 सितंबर को दोपहर 03:10 बजे हो रही है। समापन 17 सितंबर दोपहर 11:44 बजे होगा। इस दिन अनन्त चतुर्दशी की पूजा का मुहूर्त सुबह 06:07 से दोपहर 11:44 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 05 घण्टे 37 मिनट्स रहेगी।
अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि
- अनंत चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध कपड़े धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- किसी पवित्र नदी के घाट के किनारे या मंदिर में एक चौकी रखें।
- उसके ऊपर भगवान विष्णु की शेषनाग की शैय्या पर लेते वाली मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें।
- एक डोरा लें। उसमें 14 बार गांठ बांधे। उस डोरे को भगवान के पास रख दें। इस दौरान ‘ॐ अनंताय नमः’ मंत्र का जप करें।
- पुरुष दाहिने हाथ और स्त्री बाएं हाथ में कलावा बांधे।
- अनंत चतुर्दशी व्रत की कथा पढ़ें।
- भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें।
- उन्हें फल, फूल और अक्षत चढ़ाएं।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
- अंत में ब्राह्मणों को भोजन कराकर पूजा का समापन करें।