रतलाम। आबादी की दृष्टि से भारत में सबसे ज्यादा युवा है। हम कह सकते हैं कि हमारा देश युवा भारत है। लेकिन युवा कई समस्याओं से भी घिरा हुआ है। पश्चिमी देशों की नकल चल रही है। युवाओं को हमारे गौरवशाली इतिहास की प्रेरणा लेकर आगे बढऩा चाहिए। स्वामी विवेकानंद जी भी कहते थे कि बी एंड मेक यानि बनो और बनाओ, उसी आधार पर गायत्री परिवार भी युवाओं को जाग्रत करने का अभियान चला रहा है। युवाओं को आत्मबोध एवं अपने सांस्कृतिक गौरव से परिचित कराना समय की मांग है।
उक्त विचार अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार के तत्वाधान में राजीव गांधी सिविक सेंटर के स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास चल रहे 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के पहले दिन शाम को आयोजित युवा सम्मेलन एवं युवा प्रतिभा सम्मान में हरिद्वार से आए गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सहप्रभारी आशिष सिंह ने कही। युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी विवेक चौधरी ने श्री सिंह का परिचय दिया। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश प्रभु राठौड़, समाजसेवी गोविंद काकानी, अशोक सोनी ने स्वागत किया। श्री सिंह ने कहा आज हम सांस्कृतिक संक्रमण के ऐतिहासिक दौर से गुजर रहे हैं। भौतिकवाद अपनी चरम सीमा पर है।
देश की तरुणाई को दिशाहीनता, दुश्चिंतन, भटकाव, दुष्प्रवृत्तियां एवं सृजनात्मकता का अभाव घुन की तरह खोखला करते जा रहे हैं। उस पर नशा, बेरोजगारी, पाश्चात्य जीवन शैली हावी होती जा रही है। देश का भविष्य युवाओं के हाथों में ही है। युवा जिधर चल पड़ेंगे, देश भी उधर ही चल पड़ेगा। युवकों का संगठन और उनकी गतिविधियों का सही नियोजन आज की प्रथम आवश्यकता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार द्वारा युवाओं को भी अपने देश, समाज और परिवार के प्रति जाग्रत करने के लिए युवा अभियान संचालित किए जाते हैं।
गायत्री परिवार द्वारा युवाओं को जाग्रत करने के लिए चार लक्ष्य कार्यक्रम तय कर चलाए जा रहे हैं। जिनमें युवा स्वस्थ्य बने तो देश सबल बनेगा, युवा शालिन बने देश श्रेष्ठ बने, युवा स्वालंबी बने तो देश संपन्न बने, युवा सेवा भावी बने तो देश सुखी बने, इन चार सूत्र के साथ युवाओं को आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है। युगऋषि पं. श्री राम शर्मा आचार्य एवं वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की युग वेदना ने आज तरुणाई के लिए नवयुग के निर्माण की आधारशिला रख दी है। शांतिकुंज ने युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति के रूप में निखारने की प्रक्रिया का एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन और अभियान प्रारंभ किया है। जिससे राष्ट्र श्रेष्ठता, संप्रभुता और संपन्नता के श्रेष्ठ शिखर पर पुन: प्रतिष्ठित हो सके।
आयोजन में शनिवार की शाम को नारी जागरण एवं नारी शक्ति सम्मान कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। गायत्री धाम सेंधवा से पधारी पूजा पाटील व उज्जैन से आई उर्मीला तोमर ने पूज्य गुरुदेव द्वारा लिखी गई पुस्तक 21वीं सदी की नारी सशक्तिकरण पर जोर देकर संबोधित किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा व गायत्री परिजन मौजूद रहे। संचालन गायत्री परिवार के विकास शैवाल ने किया।