नेशनल डेस्क: झारखंड सरकार द्वारा ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित करने और गुजरात के पलिताना में उनके मंदिर में तोड़फोड़ के फैसले के खिलाफ जैन समुदाय के सदस्यों ने मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया। हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। महाराष्ट्र के न्यूनतम सांसद लोढ़ा ने कहा कि हम पलिताना में मंदिर की तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। गुजरात सरकार ने कार्रवाई की है लेकिन हम उनके (जिन्होंने मंदिर में तोड़फोड़ की) सख्त कार्रवाई चाहते हैं। आज 5 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर हैं।
बता दें कि, झारखंड सरकार ने जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के पवित्र स्थल भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित कर दिया है, जिसके बाद वहां पर अब होटल खुलेंगे। इसी बदलाव से जैन समाज में भारी नाराजगी है और विरोध के लिए सड़कों पर उतर गया है। जैन समाज के मुनियों का कहना है कि जो भी हमारी मांगे हैं, उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से रखें। ये नहीं भूलना चाहिए कि जैन समाज देश का सिर्फ एक प्रतिशत है, लेकिन वो देश का कुल 24 फीसदी टैक्स देता है।
वहीं, गुजरात के भावनगर जिले अंतर्गत पालीताना में शत्रुंजय पहाड़ी पर लगे बोर्ड और लोहे के खंभे को क्षतिग्रस्त किया गया था। घटका का पूरा वाक्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था। इसके बाद से दो समुदायों, सेठ आनंदजी कल्याणजी ट्रस्ट और नीलकंठ महादेव सेवा समिति के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।